प्रख्यात मराठी लेखक, प्ले डायरेक्टर और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रत्नाकर मतकरी का कोरोना संक्रमण की वजह से निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। बीएसी के अधिकारियों के मुताबिक रत्नाकर को पिछले सप्ताह की कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। रत्नाकर के परिजनों के मुताबिक उन्होंने रविवार रात को अंतिम सांस ली। उन्हें कमजोरी की शिकायत की वजह से चार दिन पहले ही गोदरेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्हें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई और उसके पश्चात वो अस्पताल में भर्ती थे। बताया जा रहा है कि गोदरेज अस्पताल में कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट आने के बाद रत्नाकर को मुंबई के उपनगरीय इलाके में स्थित सैवन हिल्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वो उपचार करवा रहे थे। वहीं पर उन्होंने अंतिम सांस ली।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रत्नाकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके निधन से भारत ने साहित्य जगत का एक अनमोल रत्न खो दिया है। ठाकरे ने कहा कि रत्नाकर बच्चों से लेकर बड़ों तक, सबके लिए साहित्य लिखते थे। उनके योगदान खासकर नाटक, लघु कथाओं और उपन्यासों से मराठी साहित्य काफी लाभान्वित हुआ।
मराठी साहित्य और रंगमंच की दुनिया में रत्नाकर काफी जानी मानी शख्सियत माने जाते थे। मराठी साहित्य में बाल कहानियों के क्षेत्र में उनकी खासी पकड़ और अतुलनीय योगदान था।
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