विक्की कौशल की फिल्म 'सरदार उधम' इसी अक्टूबर होगी रिलीज
सरदार उधम की शूटिंग साल 2019 में ही पूरी हो गई थी, मेकर्स पहले इस फिल्म को थियेटर में ही रिलीज करना चाहते थे इसलिए लंबे समय तक यह फिल्म नहीं रिलीज हुई।
विक्की कौशल की फिल्म सरदार उधम को लेकर काफी चर्चा हुई, इस फिल्म में विक्की कौशल ने टाइटल रोल सरदार उधम सिंह की भूमिका निभाई है। शूजीत सरकार ने साल 2019 में अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट की घोषणा की थी और इस फिल्म के लिए विक्की कौशल को चुना गया। अब इस फिल्म की रिलीज के बारे में नया अपडेट सामने आया है। सरदार उधम ओटीटी पर अगले महीने रिलीज की जाएगी। शूजीत सरकार ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए बताया कि यह फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर अक्टूबर 2021 में रिलीज होगी। बताया जा रहा है कि सरदार उधम 16 अक्टूबर को रिलीज होगी। महामारी की वजह से मेकर्स ने ओटीटी पर इस फिल्म को रिलीज करने का फैसला किया।
सरदार उधम की शूटिंग साल 2019 में ही पूरी हो गई थी, मेकर्स पहले इस फिल्म को थियेटर में ही रिलीज करना चाहते थे इसलिए लंबे समय तक यह फिल्म नहीं रिलीज हुई। लेकिन अब आखिरकार ओटीटी पर ही फिल्म को रिलीज किया जा रहा है। यह फिल्म जलियावाला बाग हत्याकांड के इर्द गिर्द बुनी गई है।
शूजित सरकार ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें विक्की कौशल की इंटेसिटी काफी ज्यादा पसंद हैं, इसलिए वो इस रोल के लिए परफेक्ट हैं। शूजित ने यह भी माना की विक्की के कंधे पर इस बार बड़ी जिम्मेदारी है।
बता दें, सरदार उधम सिंह की बायॉपिक में भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए दिए गए उनके अहम योगदान के बारे में दिखाया जाएगा। यह कहानी एक निडर शहीद की है जिसने अमृतसर में जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने के लिए उस महत्वपूर्ण योगदान को दिखाया जाएगा जिसे नजरअंदाज कर दिया गया। यह कहानी है एक निडर शहीद की जिसने अमृतसर में जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने के लिए पंजाब (प्री-इंडिपेंडेंस इंडिया) के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर Michael O' Dwyer की हत्या कर दी थी।
उधम सिंह गदर पार्टी का हिस्सा थे और उन्होंने अंग्रेजों को मिटाने के लिए विदेशों में भारतीयों को इकट्ठा किया था। जब वह भारत लौटे तो उन्हें बिना लाइसेंस के हथियार रखने के लिए अरेस्ट कर लिया गया। जेल से छूटने के बाद उधम सिंह जर्मनी और फिर लंदन चले गए। 13 मार्च 1940 को उन्होंने O’Dwyer को मारा। बाद में उन्हें हत्या का दोषी मानते हुए 31 जुलाई 1940 में फांसी दे दी गई।