गांव में थी पानी की किल्लत, शख्स की गुहार पर सोनू सूद ने लगवाए कई हैंडपंप
हाल ही में एक शख्स ने सोनू सूद से गुहार लगाई थी कि उसके गांव में पानी नहीं है, जिसके कारण ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसे देखने के बाद सोनू सूद ने उसकी मदद की है।
लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने से लेकर सोशल मीडिया पर मांगी गई मदद को पूरा करते हुए, अभिनेता सोनू सूद अब एक मसीहा बन गए हैं। लॉकडाउन से लेकर अभी तक सोनू सूद लोगों की हेल्प करते रहे हैं। उनके काम की सोशल मीडिया पर काफी तारीफ होती रही है। एक बार फिर सोनू सूद का काम सुर्खियों में बना हुआ है। हाल ही में एक शख्स ने अपने गांव में पानी की किल्लत का ध्यान सोनू सूद की तरफ आकर्षिक किया। शख्स ने सोनू सूद से गुहार लगाई थी कि उनके गांव में पानी नहीं है, जिसके कारण ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसे देखने के बाद सोनू सूद ने उनकी मदद की।
सोनू सूद ने शख्स के गांव में हैंडपंप लगाने का काम शुरू किया है। उन्होंने खुद इस बारे में लोगों को बताया है। उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, ''पानी की कमी अब से खत्म। आपके गांव में कुछ हैंडपंप लगवा रहा हूं। कभी आया तो पानी ज़रूर पिला देना।''
इस समय लोग सोनू सूद के इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। शख्स ने एक वीडियो शेयर कर लिखा था, "पानी की भारी मुसीबत है। इन गरीबों की भी सुन लो बेचारे पन्नी बीनकर गुज़र बसर करते हैं, पिछले कई सालों से पानी को तरस रहे हैं, न लाइट न ही सुविधा इनकी मदद करें।” यह देखने के बाद, सोनू सूद ने उस शख्स की मदद की।
उल्लेखनीय है कि अभिनेता सोनू सूद ने देश के विभिन्न हिस्सों में जरूरतमंद लोगों को इलेक्ट्रॉनिक रिक्शा वितरित करने का फैसला किया है। उन्होंने अपने गृहनगर मोगा में 100 ई-रिक्शा वितरित कर अपनी मुहिम की शुरुआत की। अभिनेता ने यह पहल बेरोजगारों की मदद करने के लिए शुरू की है, विशेष रूप से उन लोगों को, जो महामारी की चपेट में आ गए थे।
इस बारे में सोनू ने कहा, "मेरी योजना उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और कई राज्यों में ई-रिक्शा वितरित करने की है। अभी, मैंने अपने गृहनगर पंजाब के मोगा से शुरुआत की है।"
उनकी मंशा बेरोजगारी को कम करने की उनकी प्रतिज्ञा है। अभिनेता ने कहा, "मैं चाहता हूं कि लोगों को रोजगार मिले, वे आत्मनिर्भर हों और अपना जीवन यापन करें। महामारी के बाद कई लोगों के लिए अपना रोजगार बनाए रखना बहुत मुश्किल हो गया। ई-रिक्शा उनकी मदद करने का एक अच्छा तरीका है। मैं उनसे अनुरोध करूंगा। हर कोई पैसे या अनावश्यक खर्चो को बर्बाद करने के बजाय किसी जरूरतमंद को ई-रिक्शा दे दें, ताकि वे अपने परिवार की मदद कर सकें।"