'आर्टिकल 15' के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने पर सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
आयुष्मान खुराना की फिल्म आर्टिकल 15 समानता के अधिकार की बात करती है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका पर विचार करने से मना कर दिया, जिसमें बॉलीवुड फिल्म 'आर्टिकल 15' को दिए गए सर्टिफिकेट को रद्द करने के लिए कहा गया था। जज एस. ए. बोबडे और जज बी. आर. गवई की पीठ ने याचिका दाखिल करने वालों से कहा कि वह फिल्म के टाइटल में बदलाव और इसकी स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की अपनी मांग को लेकर उचित अधिकारी से संपर्क करे।
कोर्ट वकील रंजन द्विवेदी के जरिए ब्राह्मण समाज ऑफ इंडिया द्वारा डाली गई याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिकाकर्ता ने कहा कि फिल्म निर्माता व्यावसायिक लाभ के लिए 'आर्टिकल 15' टाइटल का उपयोग नहीं कर सकते हैं और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों पर विचार किए बिना फिल्म को सर्टिफिकेट जारी कर दिया।
अधिवक्ता ने कहा कि 'आर्टिकल 15' में 'आपत्तिजनक डायलॉग का प्रयोग किया गया है और उसके जरिए जाति आधारित नफरत फैलाई जा रही है।'
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