टूट गई वडाली ब्रदर्स की जोड़ी, प्यारेलाल ने कहा दुनिया को अलविदा, जानें 5 बड़ी बातें
पूरी दुनिया में अपनी गायकी से धूम मचाने वाली वडाली ब्रदर्स की जोड़ी टूट गई है...
अमृतसर: पूरी दुनिया में अपनी गायकी से धूम मचाने वाली वडाली ब्रदर्स की जोड़ी टूट गई है। सूफी गायक प्यारेलाल वडाली का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से अमृतसर में निधन हो गया। 75 साल के प्यारेलाल ने अपने बड़े भाई पूरनचंद वडाली के साथ देश-विदेश में नाम कमाया था। प्यारेलाल अपने बड़े भाई पूरनचंद को ही अपना गुरु मानते थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्यारेलाल पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। वडाली ब्रदर्स को संगीत के क्षेत्र में बड़ा नाम कमाने के लिए पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। आइए, जानते हैं वडाली ब्रदर्स के बारे में 5 ऐसी बातें, जिनके बारे में आपने कम ही सुना होगा:
1- रगों में दौड़ता है संगीत: वडाली ब्रदर्स का परिवार काफी पहले से संगीत से जुड़ा रहा है। बताया जाता है कि उनकी पांच पीढ़ियों ने संगीत में नाम कमाया है। पूरनचंद और प्यारेलाल वडाली ने ने 1975 में जालंधर के गांव हरवल्लभ में पहली बार प्रस्तुति दी थी। इसके बाद दोनों भाइयों ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
2- पहलवानी और रासलीला से संगीत तक का सफर: पूरनचंद वडाली पहले पहलवानी किया करते थे। उन्होंने पहलवानी में भी अच्छा नाम कमाया था और कई खिताब भी जीते थे। प्यारेलाल भी पहलवानी किया करते थे और साथ ही साथ गांव की रासलीला में कृष्ण का किरदार अदा करते थे। इसी बीच एक दिन उनके पिता ठाकुरदास वडाली ने उन्हें संगीत से जुड़ने के लिए कहा, और दोनों भाई इसके बाद पूरे मन से संगीत की साधना में लग गए।
3- अमृतसर से निकलकर पूरी दुनिया में छाए: पंजाब के अमृतसर के पास एक छोटे से गांव के वडाली डोगरां के रहने वाले वडाली ब्रदर्स दुनियाभर में अपनी गायकी के लिए काफी मशहूर थे। इन दोनों भाइयों ने बुल्ले शाह, कबीर, अमीर खुसरो और सूरदास के पदों को अपने संगीत में पिरोया।
4- मुफ्त में मिलती है संगीत की शिक्षा: दोनों भाई अपने पुश्तैनी मकान 'गुरु की वडाली' रहते थे, जहां वे संगीत के साधकों को गायकी के गुर बताते थे। खास बात यह है कि दोनों भाई इस काम के लिए अपने शिष्यों से पैसे नहीं लेते थे। प्यारेलाल के निधन के बाद अब निश्चित ही वहां की आबोहवा पहले जैसी नहीं रहेगी।
5- बॉलीवुड में भी कमाया नाम: वडाली ब्रदर्स ने फिल्मों में भी अपनी आवाज दी, हालांकि कहा जाता है कि वे फिल्मों में गाने से परहेज करते थे। 'पिंजल', 'धूप', 'तनु वेड्स मनु' और 'मौसम' में दोनों भाइयों ने अपनी गायकी का जलवा बिखेरा। 'तनु वेड्स मनु' का 'रंगरेज' गाना तो संगीत के दीवानों की जुबान पर चढ़ गया था।