मुंबई: फिल्मकार सुधीर मिश्रा ने कहा कि पुरुष अभिनेता उनकी फिल्मों में काम नहीं करना चाहते क्योंकि अभिनताओं के लिए भूमिकाएं कमजोर होती है।
मिश्रा ''हजारों ख्वाहिशें ऐसी'', "चमेली", और "इनकार" जैसी फिल्में बना चुके हैं जिनमें अभिनेताओं को नायक दिखाने के बजाय साधारण किरदारों के तौर पर पेश किया गया, क्योंकि उनका मानना है कि वे न केवल सिनेमाई है बल्कि वास्तविक भी हैं।
मिश्रा ने पीटीआई-भाषा से खास बातचीत में कहा, " यह वैसे ही हैं जैसे हम हैं, लोग जीवन में किसी एक समय हीरो होते हैं। यह बेहद दुर्लभ है कि पूरे जीवन वे हीरो रहे। ऐसी उम्मीद करना भी व्यर्थ है।"
उन्होंने कहा, "यह एक वजह है कि पुरुष अभिनेता मेरी फिल्में पसंद नहीं करते, मेरे साथ काम नहीं करना चाहते क्योंकि मेरी फिल्में सौम्य, अभद्र, भ्रमित पुरुषों के बारे में होती हैं। ऐसे पुरुष जो गलतियां करते हैं और कमजोर किस्म के होते हैं। वह मर्दाना नहीं होते।"
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