सोनू सूद: 'जो हमारा घर बनाते हैं, क्या हम उन्हें उनके घर नहीं भेज सकते'
सोनू सूद कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों की लगातार मदद कर रहे हैं। अब उन्होंने यूपी, बिहार और झारखंड के प्रवासी मजदूरों के लिए बस का इंतजाम किया है।
बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने हाल ही में कर्नाटक के फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को उनके गृहनगर ले जाने के लिए बसों की व्यवस्था की थी। अब उन्होंने उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के मजदूरों की मदद के लिए बसों का इंतजाम किया है। यहां तक कि वे व्यवस्था की देखरेख के लिए बस टर्मिनल भी गए। उन्होंने इमोशनल होकर कहा कि वो आखिरी तक प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था करते रहेंगे। उनकी दोस्त नीति गोयल भी इस नेक काम में उनका साथ दे रही हैं।
सोनू सूद ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की और इमोशनल होकर कहा, 'सब लोग उन्हें प्रवासी मजदूर बोल रहे हैं... उनका भी नाम है। जो लोग हमारे घर बनाते हैं, आज वो खुद अपने घर जाना चाहते हैं तो उनको भेज नहीं सकते हैं क्या? अगर हर एक शख्स उनकी मदद के लिए आगे आएगा तो सभी अपने-अपने घर पहुंच जाएंगे। हाईवे पर कदम बढ़ाते हुए उन्हें ऐसा लगता होगा कि हमने हमेशा देश को आगे बढ़ाने में मदद की, लेकिन आज हमें ही ऐसा करके बाहर निकाल दिया। इस समय उनकी मदद करना महत्वपूर्ण है। सभी लोगों को आगे आना चाहिए इससे अच्छा कोई टाइम नहीं हो सकता अपना दायित्व निभाने का।'
सोनू सूद ने ये भी बताया कि 'बिहार, यूपी और झारखंड की सरकारों से अनुमति लेने में उन्हें तीन दिन लगे और वो आगे भी कई राज्यों से परमिशन ले रहे हैं।'
'प्रवासियों की मदद करना मेरा कर्तव्य है'
इस बारे में सोनू सूद ने आईएएनएस से कहा, "मुझे लगता है कि यह मेरा कर्तव्य है कि मैं प्रवासियों, हमारे देश की धड़कनों की मदद करूं। हमने प्रवासियों को अपने परिवारों और बच्चों के साथ राजमार्गों पर चलते देखा है। इसलिए मैं उनकी यात्रा के लिए समन्वय कर रहा हूं और विभिन्न राज्यों से अनुमति ले रहा हूं। अब मुझे बहुत सारे संदेश और सैकड़ों ईमेल रोज मिलते हैं, जिसमें लोग कहते हैं कि वे यात्रा करना चाहते हैं और मैं सुबह से शाम तक नॉन-स्टॉप उनके साथ समन्वय कर रहा हूं। इस ल़ॉकडाउन के दौरान यह मेरा एकमात्र काम बन गया है। इससे मुझे इतनी संतुष्टि मिलती है कि मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता।"
भोजन से पीपीई किट्स तक का किया इंतजाम
कुछ महीने पहले सोनू सूद ने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए अपने जुहू होटल की पेशकश की थी। इसके अलावा उन्होंने जरुरतमंदों के बीच भोजन वितरित किया। साथ ही रमजान के दौरान 25000 से ज्यादा प्रवासियों को भी खाना खिलाया। इसके साथ ही एक्टर ने पंजाब के डॉक्टर्स के लिए 1500 पीपीई किट्स भी दान किए थे।
सोनू सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं और कोरोना वायरस से बचने के लिए कई वीडियो शेयर कर जागरुकता फैलाते हैं। उन्होंने एक वीडियो में बताया कि कैसे घर में रखी फाइल और चश्मे से फेस शील्ड बनाया जा सकता है।
एक्टर ने इस मुश्किल घड़ी में उम्मीद और सकारत्मकता फैलाने के लिए कुछ लाइनें लिखी थीं। उन्होंने लिखा कि इस संकट की घड़ी में पॉजिटिविटी फैलाने का एक छोटा सा प्रयास। इसे कोरोना वॉरियर्स को समर्पित करता हूं।
सोनू सूद ने आईएएनएस से कहा, 'वे भारत का असली चेहरा हैं, जिन्होंने हमारे घरों को बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने अपने घर, अपने माता-पिता, अपने प्रियजनों को छोड़ दिया है और सिर्फ हमारे लिए ही इतनी कड़ी मेहनत करते हैं। आज, अगर हम उनका समर्थन करने के लिए आगे नहीं आते हैं, तो मुझे लगता है कि हमारे पास खुद को इंसान कहने का कोई अधिकार नहीं रहेगा है। हमें आगे आना होगा और अपनी सर्वाधिक क्षमताओं के साथ उनकी मदद करनी होगी। हम उन्हें सड़कों पर नहीं छोड़ सकते, हम उन्हें राजमार्गों पर मरते हुए नहीं देख सकते, हम उन छोटे बच्चों को उनके साथ चलने नहीं दे सकते, जो सोचते हैं कि उनके माता-पिता के लिए कोई नहीं है।'
इनपुट: जोईता मित्रा सुवर्णा