मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह के कटु आलोचक भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने स्पष्ट नहीं किया कि क्या वह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में शामिल होंगे और उसके टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा, "मुझे मेरे परिवार ने 14 जनवरी तक किसी तरह की औपचारिक घोषणा न करने की सलाह दी है। इसलिए अभी इस बारे में बात करना सही नहीं है। लेकिन लालूजी और उनके परिवार के लिए मेरी निकटता और प्रियता कोई रहस्य नहीं है।"
अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न ने कहा, "जहां तक बात 2019 का चुनाव लड़ने की है तो मेरा निर्वाचन क्षेत्र हमेशा बिहार ही होगा। बिहारी बाबू हमेशा बिहारी बाबू ही रहेगा।" वह इस सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि जेल में बंद राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साथ औपचारिक रूप से हाथ मिलाएंगे या नहीं। सिन्हा हाल ही में उनसे रांची की जेल में मिल चुके हैं। सिन्हा ने अपनी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा उनके खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति कर रही है।
हवाईअड्डों पर उनसे वीआईपी व्यवहार वापस लेने के सवाल पर शत्रुघ्न ने कहा, "यह कुछ और नहीं, बस प्रधानमंत्री के समर्पित सैनिकों द्वारा की जा रही प्रतिशोध की राजनीति है। वह यह सोच रहे हैं कि मुझे नीचे दिखाने के ऐसे दुर्भावनापूर्ण प्रयासों से उन्हें आनंद मिलेगा।"
विशेषाधिकार वापस लेने के लिए दिए गए कारणों में से एक कारण सुरक्षा है, जिस पर उन्होंने कहा, "पूरा हवाईअड्डा प्राधिकरण मुझे विमान तक पहुंचाता है और अचानक मैं एक सुरक्षा खतरा बन गया? क्या यह कोई मजाक है? जैसा मैं कह चुका हूं कि यह सिर्फ प्रतिशोध की राजनीति है।"
क्या आपको लगता है कि ऐसा आपके लालू प्रसाद से हाथ मिलाने पर किया गया? इस सवाल पर सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, "बिल्कुल ऐसा है। पहले लालू जी से यह विशेषाधिकार ले लिया गया और अब मुझसे। और रामविलास पासवान जैसे अन्य राजनेताओं को हवाईअड्डे पर वीआईपी विशेषाधिकार दिया जाता है। सिर्फ मुझे क्यों इससे बाहर किया गया।"
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