बच्चों के शो में काउंसलिंग जरूरी : शान
बच्चों से संबंधित टीवी रियलिटी शो को जज करने वाले लोकप्रिय गायक शान का मानना है कि प्रतिभागी बच्चों और उनके माता-पिता की मासूमियत और निश्चलता बरकरार रखने के लिए उन्हें परामर्श व सलाह देना बेहद जरूरी है।
नई दिल्ली: बच्चों से संबंधित टीवी रियलिटी शो को जज करने वाले लोकप्रिय गायक शान का मानना है कि प्रतिभागी बच्चों और उनके माता-पिता की मासूमियत और निश्चलता बरकरार रखने के लिए उन्हें परामर्श व सलाह देना बेहद जरूरी है।
इस सप्ताह की शुरुआत में फिल्मकार ने ट्वीट कर अधिकारियों से तुरंत ही बच्चों के रियलिटी शो को प्रतिबंधित करने का आग्रह किया था। फिल्मकार का कहना है कि इससे बच्चे भावनात्मक रूप से टूट जाते हैं और उनकी मासूमियत खत्म हो जाती है।
इस बारे में पूछे जाने पर शान ने आईएएनएस को बताया, "मैं शूजीत सरकार से सहमत हूं। मैं कुछ सालों तक बच्चों के रियलिटी शो से नहीं जुड़ा, क्योंकि मैंने 'सा रे गा मा पा लिटिल चैंप्स' के दौरान बच्चों पर पड़े रहे दवाबों को नोटिस किया था। यह भयावह था।"
'सा रे गा मा पा लिटिल चैंप्स' के अलावा शान 'द वॉइस इंडिया किड्स' को भी जज कर चुके हैं।
उन्होंने कहा, "शायद मुझे भरोसे में लेने के लिए किसी ने यह कहा था और मैं उसके भरोसे में आ गया..कि 'अगर आप वहां नहीं जा रहे हो तो कुछ भी नहीं बदलने वाला है। लोग फिर भी शो को देखेंगे, लेकिन अगर आप बच्चों के प्रति संवेदनशील है तो आपके पास इन चीजों के प्रति पेश आने का अपना दृष्टिकोण है, आप बच्चों के साथ वास्तविक रूप में पेश आ सकते हैं।"'
गायक के मुताबिक, "बच्चों के शो में काउंसलिंग (परामर्श देना) बेहद जरूरी है। वहां बच्चों और माता-पिता के लिए काउंसलर (परामर्शदाता) होना चहिए और शोज को महज इसलिए नहीं बढ़ाया जाना चाहिए कि वे अच्छा कर रहे हैं। बच्चों को अपने नियमित जीवन से लंबे समय तक दूर नहीं रखना चाहिए।"
शान के बच्चे सोहम और शुभ भी संगीत की दुनिया में उभर रहे हैं। इस बारे में जब उनसे पूछा गाय कि क्या वे दबाव महसूस करते हैं तो गायक ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता क्योंकि उन्हें जबरन इस क्षेत्र में आने के लिए मजबूर नहीं किया गया है। वे पियानो और अन्य वाद्य यंत्रों को बजाना सीख रहे हैं। वे संगीत के प्रति जुनूनी हैं।