मुंबई: अपनी पहली फिल्म ‘केदरनाथ’ के उत्तराखंड में प्रतिबंध लगने से दुखी सारा अली खान का कहना है कि फिल्म का मकसद लोगों को बांटना नहीं बल्कि जोड़ना था। फिल्म ‘केदारनाथ’ उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा की पृष्ठभूमि पर बनी हिन्दू लड़की और मुस्लिम लड़के की प्रेम कहानी है। फिल्म पर प्रतिबंध की मांग करने वाले लोगों का आरोप है कि फिल्म हिन्दू भावनाओं को ठेस पहुंचाती है और लव जिहाद को बढ़ावा देती है।
सारा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मेरा सपना कुछ लोगों तक यह कहानी पहुंचाना था। हमने उत्तराखंड में फिल्म की शूटिंग की है, हम वहां 40 दिन तक रहे। मेरे करियर का वह सबसे अच्छा अनुभव है। उन्होंने मुझे बहुत कुछ दिया और उन्हें वापस कुछ ना दे पाना बेहद दुखद है। मुझे असल मैं इस बात का बेहद खेद है।’’
अदाकारा का कहना है कि वह फिल्म पर लगे प्रतिबंध को समझ नहीं पा रहीं और उनकी ‘‘धर्म और जाति’’ को लेकर राय अलग है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं धर्म, जाति को पहचान के रूप में नहीं देखती बल्कि मैं उन्हें विभाजित करने वाला मानती हूं।
मुझे नहीं लगता कि फिल्म भी ऐसा कुछ करती है। यह फिल्म विभाजन पर नहीं है, बल्कि यह सब को साथ लाने की बात करती है। मुझे नहीं पता कि लोगों को कैसे ठेस पहुंची। मुझे नहीं लगता कि उन्होंने फिल्म देखी है।’’
सारा ने कहा कि वह लोगों की भावनाओं का सम्मान करती हैं और एक अभिनेता के तौर पर वह केवल फिल्म को अपना शत प्रतिशत दे सकती हैं। अभिषेक कपूर के निर्देशन में बनी यह फिल्म सात दिसम्बर को बड़े पर्दे पर रिलीज हुई थी। फिल्म ने एक दिन में 7.25 करोड़ रुपए की कमाई की थी। फिल्म में सारा की अदाकारी की काफी सराहना भी जा रही है।
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