नई दिल्ली: अपनी पहली फिल्म 'मिज्र्या' की असफलता से गुजरना सैयामी खेर के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने खुद पर या अपनी योग्यता पर से विश्वास नहीं खोया। अभिनेत्री का कहना है कि मुश्किल के समय ने उन्हें धैर्य रखने और आगे बढ़ने की सीख दी।
सैयामी ने आईएएनएस को बताया, " 'मिज्र्या' मेरे लिए ड्रीम लॉन्चिंग की तरह थी और दुर्भाग्य से उसका बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा। उसके बाद की यात्रा बिल्कुल भी आसान नहीं थी क्योंकि 'मिज्र्या' के साथ मुझे इस तरह का एक भावपूर्ण चरित्र मिला। यह ऑफर बहुत रोमांचक नहीं था और यह बहुत नया भी नहीं था। लोग मुझे उन चीजों के लिए कंसीडर नहीं कर रहे थे जो मुझे करना पसंद था, क्योंकि मेरी फिल्म बॉक्स पर बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं करती थी।"
"यह एक परीक्षा का समय था। मैं एक खेल की पृष्ठभूमि से आती हूं और उस पृष्ठभूमि ने मुझे आगे बढते रहने में मदद की। इसके अलावा अक्षय सर ने जो कुछ कहा उस पर मैंने ध्यान दिया। उन्होंने कहा, 'काम से काम मिलता है'।"
राकेश ओमप्रकाश मेहरा द्वारा निर्देशित, 'मिज्र्या' मिर्जा-साहिबान की दुखद प्रेम कहानी है। यह 2016 की फिल्म है जिससे अनिल कपूर के बेटे हर्षवर्धन ने भी शुरूआत की थी। यह बॉक्स ऑफिस पर विफल रही। असफलता के बाद भी सैयामी डटी रहीं।
उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ उन चीजों को लेने के लिए इंतजार करती हूं, जो मुझे दिलचस्पी देती हैं। इसी तरह जब रितेश देशमुख ने मुझे एक मराठी फिल्म 'मौली' की पेशकश की तो मैंने इसे किया। यह एक नया अनुभव था और यह अच्छा हुआ। तब मुझे एक अमेजॅन शो मिला, 'ब्रीथ 2'.. इसमें मैंने एक पूरी तरह से अलग भूमिका निभाई हूं, दुर्भाग्य से मैं इसे अभी बता नहीं कर सकती। लेकिन यह एक ऐसा चरित्र है जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मैं इसे निभाऊंगी। फिर मुझे 'स्पेशल ऑप्स' में एक अंडरकवर एजेंट की भूमिका मिली।"
वहीं ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर उन्होंने कहा कि यह भविष्य है। बड़े सितारे इस पर आ रहे हैं और यहां बॉक्स ऑफिस प्रेशर भी नहीं है।
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