उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को स्वापक औषधि नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) से कहा कि मादक पदार्थ से जुड़े मामले में अदाकारा रिया चक्रवर्ती को जमानत देने संबंधी बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दिये बगैर उसमें की गई टिप्पणी को चुनौती नहीं दी जा सकती है।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनसीबी की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील पर संज्ञान लिया कि जांच एजेंसी अदाकारा को जमानत मिलने के खिलाफ कदम नहीं उठा रही है। मेहता ने कहा कि उच्च न्यायालय ने एनडीपीएस अधिनियम के बारे में विस्तृत टिप्पणी की है और यह अभियोजन एवं दोष सिद्धि के लिए एजेंसी की राह कठिन कर देगी।
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पीठ ने कहा, ‘‘आप जमानत आदेश को चुनौती दिये बगैर उसमें की गई टिप्पणियों को चुनौती नहीं दे सकते हैं। ’’ पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामास्वामी भी शाामिल हैं। इस पर, मेहता ने कहा कि एनसीबी याचिका में संशोधन करेगा और जमानत आदेश को चुनौती दी जाएगी।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने पिछले साल सात अक्टूबर को अदाकारा को जमानत दी थी और एक लाख रुपये का निजी मुचलका जमा करने को कहा था। हालांकि, अदालत ने रिया के भाई शौविक चक्रवर्ती और मादक पदार्थों के कथित तस्कर अब्देल बासित परिहार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
रिया, उनके भाई और अन्य आरोपियों को पिछले साल सितंबर में एनसीबी ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले से जुड़े मादक पदार्थ पहलू की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। पिछले साल 14 जून को उपनगर बांद्रा स्थित सुशांत (34) के अपार्टमेंट से अभिनेता का शव मिला था।
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