(रेनू तिवारी)
नई दिल्ली: अदाकारी ऐसी की दर्शक देखते रह जाएं, किरदार कोई भी हो लेकिन छाप ऐसी कि, जो कभी ना मिटे... इसी जादुई एक्टिंग ने रीमा लागू की बॉलीवुड में बिल्कुल अलग पहचान दिलाई ! 30 साल से भी ज्यादा का दौर बीत गया..जब रीमा ने सिनेमा की सुनहरी दुनिया में शून्य से शिखर तक का सफर पूरा किया। जब कभी मां के किरदार में नजर आई तो दिल जीत लिया। सास बनी, तो वाहवाही लूटी और समधन के रोल का तो कहने ही क्या।
सिनेमाई सफर का अंत
रीमा की सिनेमाई सफर का अंत इतना जल्दी हो जाएगा, ये किसे पता था। मशहूर अदाकार रीमा लागू ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में रीमा लागू ने आखिरी सांस ली दिल का दौरा पड़ने के बाद रीमा लागू को यहां भर्ती कराया गया था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। 30 साल के लंबे फिल्मी करियर ने रीमा को बॉलीवुड में एक नई पहचान दिलाई.. और मौजूदा दौर में रील लाइफ की सबसे सफल मां का किरदार निभाया। इन दिनों रीमा लागू महेशभट्ट की नामकरण सीरियल में काम कर रही थी। लंबे समय से रीमा लागू फिल्मों में सक्रिय थीं। इसके साथ ही रीमा टीवी सीरियल में भी अपने दमदार अंदाज से दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं, ज्यादातर फिल्मों और टीवी सीरियल में रिमा लागू ने मां की भूमिका में नजर आईं।
हाई स्कूल की पढ़ाई खत्म होते ही रीमा लागू ने थियेटर की दुनिया में कदम रखा और इसके बाद जल्दी ही रीमा फिल्म और टीवी सीरियल में नजर आईं। और 1980 से शुरू हुआ फिल्मी सफर 2017 में जाकर खत्म हुआ। तीस साल की फिल्मी करियर में रीमा लागू ने 70 से अधिक हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया। नब्बे के दशक में टीवी सीरियल तू-तू-मैं-मैं ने रीमा को एक नई पहचान दिलाई।
रीमा लागू का असली नाम गुरिंदर भदभदे था। लेकिन मराठी एक्टर विवेक लागू से शादी के बाद गुरिंदर भदभदे ने अपना नाम बदलकर रीमा लागू कर लिया था। रीमा की मां मंदाकिनी भदभदे भी एक्ट्रेस थीं, और यहीं से रीमा को सिनेमा में काम करने की प्रेरणा मिली।
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