इस अभिनेता ने किया खुलासा, कभी करते थे काम की खोज, अब लगी फिल्मों की लाइन
बॉलीवुड में कई हस्तियां ऐसी हैं जिन्हें शायद कई बार अपनी प्रतिभा को दर्शकों के सामने पेश करने का मौका नहीं मिल पाया है। लेकिन जब भी इन्हें अवसर मिला इन हस्तियों ने खुद को साबित हैँ। आज हम एक ऐसे ही अभिनेता के बारे में बात कर रहे हैं जिसने...
मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता राजकुमार राव पिछले कुछ वक्त से फिल्मों में अपने जबरदस्त किरदारों से दर्शकों का दिल जीत चुके हैं। हाल ही में उन्हें फिल्म ‘बरेली की बर्फी’ में एक बार दर्शकों के दिलों पर राज करते हुए देखा गया है। राजकुमार का कहना है कि पहले वह अपनी अगली फिल्म की खोज करते थे लेकिन अब उनके पास अच्छी कहानियों के आधार पर फिल्में चुनने का विकल्प मौजूद है। उन्होंने 2010 में फिल्म 'लव सेक्स और धोखा' से बॉलीवुड में कदम रखा था। दर्शकों के दिलों को जीतने और भारत सरकार से सम्मान प्राप्त करने के अलावा, उनकी फिल्में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भी प्रदर्शित हुईं। इस साल की शुरुआत में उनकी नई फिल्म 'न्यूटन' का वर्ल्ड प्रीमियर बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में हुआ।
यह पूछने पर कि क्या युवावस्था में इतनी सफलता प्राप्त करने के बाद उनके अंदर कोई बदलाव आया, इस पर राजकुमार ने कहा, "एक अभिनेता के रूप में कुछ खास बदलाव नहीं आए हैं। मैं हमेशा से अच्छी कहानियों का हिस्सा बनना चाहता हूं। एकमात्र बदलाव यह आया है कि अब मेरे पास अच्छी कहानियां चुनने का विकल्प मौजूद है।" उन्होंने कहा, "पहले मैं सिर्फ फिल्मों की तलाश में रहता था लेकिन अब मैं अच्छी कहानियों के आधार पर फिल्में चुनता हूं।" 'शाहिद', 'अलीगढ़' और 'ट्रैप्ड' जैसी फिल्मों के कारण भारत में स्वतंत्र सिनेमा के पोस्टर ब्वॉय का दर्जा पाने वाले राजकुमार राव हाल ही में 'बरेली की बर्फी' और 'न्यूटन' जैसी फिल्में करके कमर्शियल और आर्ट सिनेमा में संतुलन बनाने में सक्षम रहे हैं। (RK स्टूडियो में लगी आग का बनाया गया कार्टून, भड़क पड़े ऋषि कपूर)
राजकुमार ने कहा, "मैंने इन सभी को कभी भी बांटा नहीं। 'काई पो चे', 'क्वीन', 'बहन होगी तेरी' और 'बरेली की बर्फी' जैसी फिल्में वास्तव में स्वतंत्र फिल्में नहीं हैं। क्या आप किसी एक फिल्म का नाम ले सकते हैं? और वो भी ऐसे समय में जब कमर्शियल और पैरलल सिनेमा के बीच की लकीर मिट रही है। फिल्म 'न्यूटन' एक युवा सरकारी अधिकारी के इर्द-गिर्द घूमती है जिसे एक नक्सल-नियंत्रित शहर में चुनावी कार्य करने के लिए भेजा जाता है और उसके वैचारिक संघर्ष उसे कैसी स्थिति में पहुंचा देते हैं। वास्तविक स्थानों पर इस फिल्म की शूटिंग के अनुभवों बारे में राजकुमार ने कहा, "मुझे इसकी कहानी पहली बार में ही पसंद आ गई थी। किरदार एक आदर्शवादी है और बदलाव लाना चाहता है, हालांकि वह एक भ्रष्ट व्यवस्था का हिस्सा है।"
राजकुमार ने कहा, "फिर मुझे पता चला कि इस फिल्म की शूटिंग छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में होगी.. हां, पहले मैं डर गया था। लेकिन जब मैं वहां गया तो ग्रामीणों ने हमारा स्वागत किया।" वह क्षेत्र नक्सल प्रभावित नहीं है और प्रकृति की सुंदरता भी वहां अद्भुत है। इसलिए शूटिंग अच्छी रही और हम सभी ने इसका आनंद उठाया। वह किस निर्देशक के साथ काम करना चाहते हैं, इस सवाल पर राजकुमार ने कहा, "यह एक मुश्किल सवाल है। मैं डैरेन अर्नोफस्की, डेमियन चजेले, अलेजांड्रो गोंजालेज इनार्रितु और जाहिर है, माजिद मजीदी के साथ काम करना चाहता हूं।" अमित मसुरकर द्वारा निर्देशित 'न्यूटन' भारत में 22 सितंबर को रिलीज होगी।