नई दिल्ली: इस साल जून में रिलीज हुई संजय दत्त की बायोपिक 'संजू' में उनके जीवन के उतार-चढ़ाव को दिखाया गया था। फिल्म को दर्शकों ने बहुत पसंद भी किया। हालांकि संजय के प्रति लोगों की सहानुभूति पैदा करने के लिए स्क्रिप्ट में कुछ बदलाव भी किए गए। यह बात फिल्म के डायरेक्टर राजकुमार हिरानी ने बताई।
राजकुमार हिरानी ने खुलासा किया है कि ‘संजू’ में अतिरिक्त हिस्सा जोड़ा गया ताकि लोगों में उनके प्रति फैली ‘नफरत’ की भावना को सहानुभूति में बदला जा सके।
हिरानी ने बताया कि शुरूआती संपादित फिल्म में अभिनेता की कहानी को जस का तस दिखाया गया था और उसे लोगों ने पसंद नहीं किया था। उन्होंने कहा कि शूटिंग के दौरान उन्हें लगा ‘मैं क्या कर रहा हूं। मैं गलत दिशा में जा रहा हूं।’ वास्तव में जब पहला संपादन तैयार हुआ और हमने लोगों के लिए उसकी स्क्रीनिंग रखी तो उन्होंने पसंद नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे इस व्यक्ति को पसंद नहीं करते और वे इसे नहीं देखना चाहते।
निर्देशक ने यह भी बताया कि वह चाहते थे कि सच्ची कहानी दिखायी जाये क्योंकि वह उसके (संजय) प्रति किसी तरह की सहानुभूति नहीं पैदा करना चाहते थे। उन्होंने आरंभ में उसे वैसा ही दिखाया जैसा वह है। लेकिन बाद में उन्हें महसूस हुआ कि वह हमारा नायक है और हमें उसके लिए कुछ सहानुभूति रखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि अपने मुख्य चरित्र के लिए सहानुभूति बनाने को फिल्म में कुछ हिस्से जोड़े गये जो पहले इसमें नहीं थे।
उन्होंने बताया कि अदालत का फैसला आने के बाद खुद की जान लेने की कोशिश करने वाला हिस्सा फिल्म में नहीं था जिसे बाद में फिल्माया गया। यह मूल पटकथा में नहीं था। उनका सोचना है कि इससे कुछ सहानुभूति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि हर फिल्म एक यात्रा होती है। कुछ चीजों पर काम किया जाता है और कुछ पर नहीं। उन्हें अभी भी इस फिल्म में कमियां दिखाई देती हैं लेकिन आप अपना बेहतर देने की कोशिश करते हैं।
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