चेन्नई: दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत ने हाल ही में राजनीति क्षेत्र में कदम रखा है। उनके इस फैंसले से उनके फैंस काफी खुश हैं। लेकिन रजनीकांत ने राजनीति को लेकर मंगलवार को कहा है कि ईमानदार और धर्मनिरपेक्ष राजनीति ही आध्यात्मिक राजनीति है और तमिलनाडु कई क्रांतियों की भूमि रही है। रजनीकांत ने जब से एक नई पार्टी बनाने और आध्यात्मिक राजनीति करने की घोषणा की है, कइयों ने टिप्पणी की है कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने आगे किया है और उनकी 'आध्यात्मिक राजनीति' हिंदुत्व के नए नाम के सिवा कुछ नहीं है। धर्मनिरपेक्ष देश में ऐसी राजनीति की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
रजनीकांत ने पत्रकारों के साथ एक बैठक में कहा कि तमिलनाडु में कई क्रांतियां शुरू हुईं, जिसमें महात्मा गांधी द्वारा मदुरै में 1921 में सिर्फ धोती पहनने और शाल ओढ़ने का लिया गया निर्णय शामिल है। रजनीकांत ने अपनी प्रस्तावित पार्टी का नाम बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें खुद नाम पता नहीं है।
किसी समय बस कंडक्टर रहे और उसके बाद तमिल सिनेमा के सुपरस्टार बने रजनीकांत ने कहा कि उन्होंने एक मासिक पत्रिका में दो महीने बतौर प्रूफ रीडर भी काम किया था। इस बीच एआईएडीएमके से दरकिनार किए गए नेता टी.टी.वी. दिनाकरन ने संवाददाताओं से कहा कि आध्यात्मिकता व्यक्तिगत मामला है और उसे राजनीति में लाने से उसका गलत परिणाम सामने आएगा।
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