चेन्नई: तमिल फिल्म बिरादरी ने अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन व रजनीकांत की अगुवाई में रविवार को कावेरी प्रबंधन बोर्ड व कावेरी जल नियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) के गठन की मांग को लेकर मौन विरोध प्रदर्शन किया। इसमें तूतीकोरिन में वेदांता समूह के तांबा गलाने के संयंत्र के परिचालन को लेकर भी विरोध जताया गया।
इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन दक्षिण भारतीय फिल्म कलाकार संघ द्वारा किया गया था। इस संघ को नदीगर संगम के नाम से जाना जाता है। इसमें तमिल फिल्म निर्माता परिषद व दक्षिण भारत फिल्म कर्मचारी संघ के सदस्यों ने भाग लिया। इस विरोध प्रदर्शन में प्रमुख अभिनेताओं, फिल्म व संगीत निर्देशकों व दूसरे तकनीशियनों ने भाग लिया। इसमें संगीत निर्देशकों में इलैयाराजा, शंकर-गणेश, अभिनेताओं में सूर्या, विजय, विशाल, प्रशांत व अन्य शामिल थे।
नदीगर संगम के अध्यक्ष नासेर के अनुसार, मौन विरोध प्रदर्शन का आयोजन सिर्फ सीएमबी व सीडब्ल्यूआरसी के गठन के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के बजाय प्रतिभागियों को बोलने की अनुमति देने से मुद्दे से ध्यान भटका सकता था।
इससे पहले अपने आवास के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में रजनीकांत ने कहा कि यदि सीएमबी व सीडब्ल्यूआरसी की स्थापना नहीं की गई तो केंद्र सरकार को तमिलनाडु के लोगों की नाराजगी का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के खिलाड़ियों को यहां इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मैच खेलते समय काले बैज पहनने चाहिए, ताकि यह मुद्दा पूरे देश को पता चल सके।
वेदांता समूह के तांबा संयंत्र पर रजनीकांत ने कहा कि यदि करोड़ों रुपये का राजस्व भी आता हो तो भी पांच तत्वों -हवा, जल, पृथ्वी, आग व आकाश- को प्रदूषित नहीं होने देना चाहिए।
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