फिल्मी जीवन एक पहेली की तरह-
"आन्नद", "सच्चा झूठा", "अमर प्रेम" जैसी फिल्मों में उनका बेहतरीन अभिनय अपने उफान पर था और अपनी संवाद अदायगी, बोलने का अलहदा अंदाज लोगों को सबसे अलग और सबसे जुदा लगा। राजेश खन्ना का फिल्मी जीवन एक पहली की तरह है उनकों बेहद कम समय में एक ऐसी सफलता मिली जिसकी उस वक्त कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। लेकिन सफलता के इस माउंट एवरेस्ट पर इस सुपर सितारे ने बहुत कम साल ही राज किया और अमिताभ बच्चन के आगाज होने के साथ ही उनका क्रेज धीरे-धीरे कम होता गया। फिल्मी जीवन से अलग राजनीति में भी उन्होंने धमाकेदार प्रवेश किया था और पहले भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को कड़ी टक्कर दी और बाद में 1991 से 1996 के दौरान सांसद भी रहे। फिल्म "अवतार" से एक बार लगा कि काका वापसी करने जा रहे है लेकिन इस भावनात्मक फिल्म के बाद वे कोई बड़ी फिल्म नहीं दे सकें।
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