कोलकाता: दो साल पहले 2015 में 'इंडियन आइडल जूनियर' में उपविजेता का खिताब चुकी नाहिद अफरीन इन दिनों खूब सुर्खियों में छाई हुई हैं। दरअसल उनके गाने पर फतवा जाहिर कर दिया गया है। लेकिन नाहिद का कहना है कि वह ताउम्र गाती रहेंगी। अब जानी मानी अधिवक्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता वृंदा ग्रोवर का कहना है कि असम की युवा गायिका नाहिद अफरीन की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाने चाहिए, जिनके खिलाफ कुछ मुस्लिम मौलवियों ने फतवा जारी किया है।
ग्रोवर ने कहा, "फतवा जारी करने वालों के खिलाफ कदम उठाए जाने चाहिए और लड़की को सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। आप केवल अभिव्यक्ति की आजादी का ही हनन नहीं कर रहे, बल्कि जिंदगी और आजादी के उसके अधिकार को लेकर भी उसे धमका रहे हैं। यह संदेश दिया जाना जरूरी है कि यह सब बिल्कुल असंवधानिक है।"
मुस्लिम संगठनों के 42 से भी ज्यादा मौलवियों ने नाहिद के खिलाफ फतवा जारी करते हुए उन्हें मंच पर प्रस्तुति देने से मना किया है। उनका कहना है कि किसी भी लड़की का मंच पर प्रस्तुति देना 'शरिया कानूनों' के खिलाफ है।
ग्रोवर ने फिक्की महिला संगठन द्वारा 'फ्लो एडवोकेसी एवं न्यायिक सेल' के लॉन्च से पूर्व कहा, "सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि ये सभी आदेश असंवैधानिक और गैर कानूनी हैं। इनका समाज पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। इन मौलवियों के पास इस प्रकार के फतवे जारी करने के अलावा कोई काम नहीं है।" इन फतवों के जवाब में नाहिद का कहना है कि वह इससे नहीं डरतीं और ताउम्र गाती रहेंगी तथा कार्यक्रम पेश करती रहेंगी। अफरीन 2015 में 'इंडियन आइडल जूनियर' में उपविजेता रही थीं।
नाहिद ने सोनाक्षी सिन्हा अभिनीत फिल्म 'अकीरा' से बॉलीवुड में गायन की पारी शुरू की थी। असम के मुख्यमंत्री सोनोवाल ने बुधवार को ट्वीट कर कहा था, "कलाकारों की आजादी लोकतंत्र का सार है। नाहिद से बात की और कलाकारों को सुरक्षा देने की हमारी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।"
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