मुंबई: केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने शनिवार को कहा कि फिल्म 'पद्मावती' की समीक्षा के लिए आवेदन आया था, लेकिन उसके साथ संलग्न किए जाने वाले कागजात पूरे नहीं हैं। फिल्म के निर्माताओं ने भी माना है कि उनका कागजी काम अधूरा है। इसलिए सीबीएफसी ने कोई टिप्पणी लिखे बिना आवेदन उन्हें लौटा दिया है। जोशी ने एक बयान में कहा, "समीक्षा के लिए फिल्म का आवेदन इस सप्ताह आया था। निर्माता जानते थे कि दाखिल किए कागजी कार्य पूरे नहीं हैं। फिल्म काल्पनिक है या ऐतिहासिक, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है और उस स्थान को खाली छोड़ा गया है। निर्माताओं से सरल और वैध तरीके से महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है, दूसरी तरफ सीबीएफसी को देरी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।"
आरोपों को चौंकाने वाला बताते हुए उन्होंने कहा, "सीबीएफसी एक जिम्मेदार इकाई है और वह फिल्म उद्योग और समाज का बेहतर हित चाहता है। आसान और अस्थिर (शॉर्टकट) तरीकों को अभ्यास में नहीं लाया जाना चाहिए।"
अपने बयान में जोशी ने संजय लीला भंसाली द्वारा मीडिया के कुछ सदस्यों को फिल्म दिखाए जाने पर भी क्षोभ प्रकट किया है। कुछ पत्रकारों को फिल्म शुक्रवार और शनिवार को दिखाई गई है।
जोशी ने बयान में कहा, "यह निराशाजनक है कि फिल्म 'पद्मावती' सीबीएफसी को दिखाए और प्रमाणित किए बिना ही मीडिया के कुछ लोगों को दिखाया गया और राष्ट्रीय चैनलों पर उसकी समीक्षा की गई। प्रक्रिया और संतुलन एक कार्यशील उद्योग का हिस्सा हैं, यह उसे जोखिम में डालता है।"
जोशी ने इससे पहले कहा था कि वह भंसाली की इज्जत करते हैं। 'पद्मावती' को लेकर भंसाली इन दिनों राजनीतिक पार्टियों और कुछ संगठनों के क्रोध का सामना कर रहे हैं।
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