सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए गए पहलाज निहलानी, अब प्रसून जोशी को मिली ये जिम्मेदारी
फिल्मों को सेंसर करने के मामले में अपने विवादास्पद फैसलों के लिए सुर्खियां बटोरने वाले सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी को आखिरकार सेंट्रल बोर्ड आफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के प्रमुख के पद से हटा दिया गया है।
नई दिल्ली: फिल्मों को सेंसर करने के मामले में अपने विवादास्पद फैसलों के लिए सुर्खियां बटोरने वाले सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी को आखिरकार सेंट्रल बोर्ड आफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के प्रमुख के पद से हटा दिया गया है। फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री ने शुक्रवार को बताया कि पहलाज की जगह गीतकार प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड का मुखिया बनाया गया है। सरकार द्वारा नियुक्त यह निकाय देश में फिल्मों को रिलीज करने से पहले उनकी जांच परख करता है।
अग्निहोत्री ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी सीबीएफसी को नए नजरिए से देख रही हैं। उन्होंने कहा, "जब प्रसून जोशी सेंसर बोर्ड के मुखिया हों तो फिर मेरा मन इसका सदस्य बनना चाहेगा ही।"
फिल्म 'ब्लैक', 'तारे जमीन पर', 'भाग मिल्खा भाग', 'रंग दे बसंती', 'दिल्ली-6' और 'नीरजा' जैसी फिल्मों में योगदान देने और कई सफल विज्ञापन कैंपेन को डिजाइन करने वाले प्रसून जोशी पद्मश्री से सम्मानित किए जा चुके हैं। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता इस गीतकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का 'थीम सांग' भी लिखा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद पहलाज निहलाणी को सेंसर बोर्ड का प्रमुख बनाया गया था। अपने ट्विटर अकाउंट पर खुद को 'सच्चा भारतीय' लिखने वाले निहलाणी की कुर्सी संभालने के साथ ही फिल्म निर्माताओं-निर्देशकों से उनकी ठन गई थी। निहलाणी द्वारा फिल्मों में लगाए गए कट, बीप और डिस्कलेमर ने फिल्म बनाने की आजादी के सवाल को चर्चा में ला दिया था।
पंजाब में मादक पदार्थो की समस्या पर बनी फिल्म 'उड़ता पंजाब' में निहलाणी और उनकी परीक्षण समिति ने 89 कट लगाने पर जोर दिया था। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था।
प्रसून जोशी की नियुक्ति का फिल्म जगत ने स्वागत किया है।
सिनेमाटोग्राफ एक्ट 1952 में बदलाव सुझाने के लिए बनी समिति के प्रमुख विख्यात फिल्मकार श्याम बेनेगल ने कहा, "प्रसून जोशी बहुत अच्छा चयन हैं। वह बहुत अच्छे कवि हैं और सबसे अच्छी विज्ञापन एजेंसियों में से एक का नेतृत्व कर चुके हैं। इस माध्यम पर उनकी पकड़ बहुत अच्छी है।"
अपनी फिल्म 'इंदु सरकार' के लिए निहलाणी से विवाद में पड़ने वाले फिल्मकार मधुर भंडारकर नेसे कहा, "मैं स्मृति ईरानीजी और राज्यवर्धन सिंह राठौरजी को उनके फैसले के लिए बधाई देता हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि प्रसून का एक अलग नजरिया होगा। वह आज के सिनेमा को समझते हैं।"
(इनपुट- आईएनएस)
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