दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत उस दौरान रात-रात भर जगे रहते थे, जब उन पर अक्टूबर 2018 में मीटू मूवमेंट के तहत यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। गुरुवार को मशहूर धारावाहिक 'पवित्र रिश्ता' के निर्देशकों में से एक कुशल जावेरी ने इंस्टाग्राम पर उस दौरान दिवंगत अभिनेता की मानसिक स्थिति का खुलासा किया।
अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, "मैं जुलाई 2018 से फरवरी 2019 तक सुशांत के साथ रहा। 2018 के अक्टूबर में हैशटैगमीटू मूवमेंट के दौरान मैंने उन्हें सबसे अधिक बिखरा हुआ पाया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उन्हें बिना किसी ठोस सबूत के निशाना बनाया जा रहा था। हमने संजना संघी से संपर्क करने की पूरी कोशिश की लेकिन शायद वह उस वक्त अमेरिका में थीं और किसी भी प्रकार की टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थीं (अजीब संयोग की बात है)। सुशांत को पता था कि उन्हें किसके द्वारा फंसाया जा रहा है, लेकिन सबूत न होने की वजह से वह कॉल नहीं कर सके। मुझे याद है कि सुशांत चार रात तक सो नहीं पाए थे। उन्हें इन आरोपों पर बात करने के लिए संजना का इंतजार रहता था। अंत में उसने 5वें दिन संजना से सारी बातें साफ कर दीं और यह एक बड़ी लड़ाई के बाद मिली जीत की तरह लग रहा था।"
कुशल ने आगे यह भी कहा कि उन्होंने इस बात को इसलिए उठाया, ताकि उन लोगों का पदार्फाश किया जा सके जो सुशांत के मामले में दोषी हैं। कहीं ये वही लोग तो नहीं है, जिनके बारे में सुशांत उस वक्त सोच रहे थे।
(इनपुट-आईएएनएस)
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