Jabariya Jodi: दहेज प्रथा पर बोलीं परिणीति चोपड़ा, 'एक लड़की की कीमत...'
परिणीति चोपड़ा और सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म 'जबरिया जोड़ी' 9 अगस्त को रिलीज होगी।
नई दिल्ली: भारत में 1961 से दहेज लेने व देने को गैर-कानूनी माना जाता है, लेकिन समाज में आज भी इसका प्रचलन है। ऐसे में अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा को आश्चर्य होता है कि कैसे भारतीय परिवार इसे 'तोहफा' मान सकते हैं।
परिणीति ने आईएएनएस को बताया, "सब जानते हैं कि दहेज-प्रथा गैरकानूनी और अनैतिक है, लेकिन वे फिर भी इसका लेन-देन करते हैं। ऐसे में मुझे गुस्सा तो तब आता है जब लोग इसे अच्छा बनाने के लिए 'तोहफा' का जामा पहना देते हैं। दहेज का साफ अर्थ यही होता है कि आप लड़की की कीमत लगा रहे हैं और उसे खरीद रहे हैं।"
अपनी आगामी फिल्म 'जबरिया जोड़ी' के प्रोमोशन के दौरान अभिनेत्री ने कहा, "हम खुद को आधुनिक कहते हैं, लेकिन फिर हम क्या कर रहे हैं? श्रेष्ठ दिखने के लिए हम लड़की के परिवार वालों से पैसे और लक्जेरियस चीजों की मांग करते हैं। हमारे देश का यह नजारा दुर्भाग्यपूर्ण है।"
दहेज देना एक और अपराध को न्योता देने जैसा है। इसमें से ही एक अपराध बालिगों को पकड़ कर जबरदस्ती बंदूक की नोक पर शादी करने के मजबूर करना है। इस अपराध को 'पकड़वा विवाह' (जबरदस्ती शादी) के नाम से जाना जाता है। यह बिहार में सालों से चला आ रहा है। अक्सर ऐसी जबरदस्ती शादियां इसलिए भी होती है, क्योंकि वरपक्ष शादी करने के लिए ढेर सारा दहेज मांगते हैं।
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