नेम, फेम, शोहरत के बाद भी अकेली थीं 'ट्रेजेडी क्वीन' मीना कुमारी, 38 की उम्र तक बन गईं थी सुपरस्टार
अपने जमाने की सुपरस्टार मीना कुमारी का असली नाम महजबीं बानो था। मीना कुमारी का बचपन से लेकर जवानी दुखों से भरा रहा इसलिए इन्हें ट्रेजडी क्वीन भी कहा जाने लगा। नेम, फेम, शोहरात पैसा होने के बावजूद भी मीना कुमारी कभी अपनी पर्सनल जिंदगी में खुश नहीं रहीं। मीना कुमारी की मौत 39 साल में ही हो गई थी।
अपने जमाने की सुपरस्टार मीना कुमारी का असली नाम महजबीं बानो था। मीना कुमारी का बचपन से लेकर जवानी दुखों से भरा रहा इसलिए इन्हें ट्रेजडी क्वीन भी कहा जाने लगा। नेम, फेम, शोहरात पैसा होने के बावजूद भी मीना कुमारी कभी अपनी पर्सनल जिंदगी में खुश नहीं रहीं। मीना कुमारी की मौत 39 साल में ही हो गई थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस में ही उन्होंने 100 फिल्में कर चुकी थीं जिसकी वजह से वह सुपरस्टार बन गईं थी। अगर मीना कुमारी की फिल्मों की बात करें तो उन्हें दुखी और सैड फिल्मों के लिए जाता है। मीना की फिल्म बैजू बावरा, दायरा, दो बीघा ज़मीन और परिणीता इन सभी फिल्मों में अगर मीना का रोल देख लें तो वह काफी दुखदायी है। इसलिए मीना कुमारी को भारतीय सिनेमा की ट्रैजेडी क्वीन भी कहा जाता है। अभिनेत्री होने के साथ-साथ मीना कुमारी एक उम्दा शायारा एवम् पार्श्वगायिका भी थीं। इन्होंने वर्ष 1939 से 1972 तक फ़िल्मी पर्दे पर काम किया।
अपनी खूबसूरती से सभी को अपना कायल बनाने वाली मीना कुमारी ने आज के दिन यानि 31 मार्च को दुनिया को अलविदा कह दिया था। मीना कुमारी बेशक हमारे बीच न हों लेकिन अपने अभिनय से वो अमर हो गईं।
नाम, इज्जत, शोहरत, काबिलीयत, रुपया, पैसा सभी कुछ मिला पर सच्चा प्यार नहीं। ये वाक्य मीना कुमारी पर बिलकुल फिट बैठता है। जहां एक तरफ बला की खूबसूरत मीना कुमारी पर सारा जमाना फिदा था वहीं उनका दिल किसी और के लिए धड़कता था। कहते हैं जो गम की तस्वीर मीना कुमारी बना सकती थीं वह कोई और नहीं बना सकता था। लेकिन वो गम कहां से आया ये सिर्फ मीना कुमारी ही बता सकती थीं।
मीना कुमारी के अलावा एक शख्स और भी है जिन्हें उनके गम की जानकारी थी, उनकी फिक्र थी और वह शख्स हैं मधुप शर्मा... मधुप शर्मा ने अपनी किताब 'आखिरी अढ़ाई दिन' में मीना कुमारी की अंदरूनी शख्सियत की उन किस्सों को पेश किया है, जिसे पढ़ने के बाद एक बार वक्त ठहर जाता है और कहता है काश ऐसा न होता।
मीना कुमारी बॉलीवुड के आसमां का वो सितारा थीं, जिसे छूने के लिए हर कोई बेताब था। मीना कुमारी हिंदी सिनेमा में अपने समय की चर्चित अभिनेत्री थीं, जिन्होंने अपनी कामयाबी का एक नायाब इतिहास रचा लेकिन पर्दे पर रिश्ते की बुनावट और गरमाहट को साकार करने वाली मीना कुमारी अपने जीवन में इस गरमाहट के लिए जीवन भर तरसती रही।
मीना की जिंदगी काफी दर्द भरी रही जिसकी वजह से उन्हें ट्रेजिडी क्वीन कहा जाने लगा। लेखक मधुप शर्मा अपनी किताब आखिरी अढ़ाई दिन में बताते हैं, मीना कुमारी जब पैदा हुईं तो उनके परिवार में कोई खुशी नहीं मनाई गई। बहन खुर्शीद के बाद मीना कुमारी के पिता को बेटे की उम्मीद थी लेकिन पैदा हुई मीना यानि कि 'महजबीं बानो'।इसलिए मीना के पिता जन्म के पांचवें दिन ही घर वालों से छुपाकर उन्हें यतीमखाने की सीढ़ियों पर छोड़ आए थे। लेकिन जब उन्होंने देखा कि मीना की मां का रो-रोकर बुरा हाल था तो वह वापस मीना को घर ले आए।
घर लाने के बाद भी मीना की जिंदगी में कुछ खास बदलाव नहीं हुआ। कपड़े में उन्हें मिली तो सिर्फ उतरन। पैसों की तंगी की वजह से 4 साल की उम्र में मीना को काम करना पड़ा। इन्हीं फिल्मों ने उन्हें स्टार भी बनाया और आखिरकार फिल्म 'पाकीजा' के रिलीज होने के तीन हफ्ते बाद, मीना कुमारी गंभीर रूप से बीमार हो गईं।
28 मार्च, 1972 को उन्हें सेंट एलिजाबेथ के नर्सिग होम में भर्ती कराया गया। मीना ने 29 मार्च, 1972 को आखिरी बार कमाल अमरोही (अपने पति) का नाम लिया, इसके बाद वह कोमा में चली गईं। मीना कुमारी महज 39 साल की उम्र में 31 मार्च को इस दुनिया को अलविदा कह गईं। मीना कुमारी ने अपने करियर में करीब 100 फिल्में कीं और सुपरस्टार का दर्जा प्राप्त किया।