Om Puri Birth Anniversary: 'तमस' से लेकर 'सद्गति' तक, ओम पुरी की ये मास्टरपीस बनाती हैं उन्हें एक हरफनमौला कलाकार
समानांतर सिनेमा का जब भी जिक्र होगा दिग्गज कलाकार ओम पुरी इस श्रेणी के बड़े कलाकारों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते नजर आएंगे।
बॉलीवुड में समानांतर सिनेमा का जब भी जिक्र होगा दिग्गज कलाकार ओम पुरी इस श्रेणी के बड़े कलाकारों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते नजर आएंगे। न ही समानांतर सिनेमा बल्की कमर्शियल फिल्मों में भी एक सफल अभिनेता के तौर पर ओमी पुरी को हमेशा याद किया जाएगा। 18 अक्टूबर, 1950 में अंबाला में जन्में ओम पुरी ने अपनी शुरूआती जीवन में ढाबा और चाय की दुकान चला कर खुद को खड़ा किया। हालांकि, ये काम उनकी पढ़ाई-लिखाई में कभी बाधा नहीं बने। उन्होंने पूणे के प्रतिष्ठित संस्थान फिल्म और टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में एक्टिंग के तकनीकी गुरों को सीखा।
अपने करियर की शुरुआत उन्होंने मराठी फिल्म 'घासीराम कोतवाल' के जरिए की, जो साल 1976 में रिलीज हुई थी। हालांकि, बहुत कम लोगों को इस बारे में पता होगा कि उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपनी पहली फिल्म 'चोर चोर छुप जा' से की थी। आइए आज ओम पुरी के जन्मदिन पर उनके करियर की उन मास्टरपीस के बारे में बात करते हैं, जो अभिनेता को खुद में एक हरफनमौला कलाकार बताने के लिए काफी हैं।
आक्रोश
आक्रोश, निर्देशक गोविंद निहलानी की पहली फिल्म थी जिसे हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए 1980 का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। इस फिल्म ने कई फिल्मफेयर पुरस्कार जीते। यह फिल्म न्यायपालिका में भ्रष्टाचार और वंचितों के उत्पीड़न और दमन पर आधारित थी।
सद्गति
महान निर्देशक सत्यजीत रे की तरफ डायरेक्ट की गई 'सद्गति' मुख्य रूप से टीवी के लिए बनाई गई थी। 1981 की फिल्म प्रसिद्ध लेखक मुंशी प्रेमचंद की इसी नाम की लघु कहानी पर आधारित थी। फिल्म में ओम पुरी ने एक गरीब और अछूत 'दुखिया' की भूमिका निभाई थी।
तमस
भारत-पाकिस्तान के बंटवारे पर आधारित टीवी सीरीज 'तमस' गोविंद निहलानी के निर्देशन में बनी थी, इस सीरीज को भीष्म साहनी के इसी नाम के उपन्यास पर आधारिक कहानी पर बनाया गया था। सीरीज में एक बड़ी स्टारकास्ट के साथ ओम पुरी को रोल काफी अहम था। उन्होंने इस सीरीज में एक अछूत की भूमिका निभाई थी।
अर्ध सत्य
1983 की इस फिल्म में ओम पुरी ने एक ईमानदान पुलिस वाले की भूमिका निभाई थी। गोविंद निहलानी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अमरीश पुरी, स्मिता पाटिल और नसीरुद्दीन शाह जैसे शानदार कलाकार भी थे। ओम पुरी ने 'अर्ध सत्य' में अपने शानदार अभिनय के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता।
आरोहन
श्यामा बेनेगल की तरफ से डायरेक्ट की गई फिल्म 'आरोहन' में ओम पुरी ने एक गरीब किसान की भूमिका निभाई थी जो बंगाल के एक सुदूर गांव में रहता था। फिल्म ने हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता।
जाने भी दो यारो
1983 में आई इस फिल्म के जरिए बॉलीवुड में गहरे व्यंग्य की शैली की शुरुआत हुई थी। यह फिल्म राजनीति, नौकरशाही, मीडिया आदि में बड़े पैमाने पर होने वाले भ्रष्टाचार के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, सतीश शाह, सतीश कौशिक और नीना गुप्ता जैसे कलकार शामिल थे। ओम पुरी ने फिल्म में एक बिल्डर आहूजा की भूमिका निभाई थी।