पणजी: अक्षय कुमार की फिल्म 'मिशन मंगल' से हिंदी सिनेमा में डेब्यू करने वाली साउथ एक्ट्रेस नित्या मेनन को फिल्मों में काम करते हुए एक दशक से भी अधिक वक्त हो चुका है। ऐसे में उनका कहना है कि उन्हें कभी भी यहां 'असुरक्षित' महसूस नहीं हुआ। हालांकि, उन्होंने बुरे बर्ताव का सामना किया है, क्योंकि फिल्म उद्योग में उस पर प्रतिबंध नहीं है।
गोवा में चल रहे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) में गुरुवार को नित्या से उनकी फिल्मी सफर के बारे में और उनसे फिल्म जगत में महिलाओं के असुरक्षित होने की आम धारणा के बारे में पूछा गया।
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इस बारे में नित्या ने कहा, "आप उतने ही सुरक्षित होते हैं, जितना खुद को रखते हैं। कोई भी आप पर तब तक दबाव नहीं डाल सकता है, जब तक आप नहीं चाहते। मेरे साथ ऐसा कभी नहीं हुआ, जिससे कि मैं खुद को असुरक्षित महसूस करूं। हां, मैंने बुरे बर्ताव का सामना किया है और मैंने उसके खिलाफ आवाज भी उठाई है। मैंने कहा है कि क्या आपका खुद का सम्मान नहीं है?, ऐसा मत करो। बुरा बर्ताव आपको हर जगह मिलेगा, फिल्म उद्योग भी इससे अछूता नहीं है।"
बता दें कि 'मिशन मंगल' में नित्या मेनन ने एक साइंटिस्ट की भूमिका निभाई थी।
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