नई दिल्ली: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर की जीवनी ‘खुल्लम खुल्ला’ इन दिनों में काफी चर्चा में है। अपने व्यक्तित्व की इस किताब में भी ऋषि बेहद साफ़गोई से पेश आए हैं और इसमें उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़ी कई ऐसी बातों का भी ज़िक्र है जो अमूमन लोग छुपा जाते हैं। ऋषि कपूर एक सफल रोमांटिक हीरो माने जाते थे लेकिन एक वक़्त ऐसा भी आया जब उनका आत्मविश्वास डगमगा गया और वह फ़िल्म इंडस्ट्री ही छोड़ने वाले थे।
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दरअसल हुआ ये कि उनकी फ़िल्म ‘कर्ज़’ को उतनी सफलता नहीं मिल पाई जितनी का अनुमान लगाया गया था, इसकी वजह थी कि उस समय बॉक्स ऑफ़िस पर अभिनेता फ़ीरोज़ ख़ान की फ़िल्म ‘क़ुर्बानी’ ने हंगामा मचा रखा था। ‘कर्ज़’ के गाने हिट तो हुए लेकिन ‘कुर्बानी’ के ‘आप जैसा कोई’ (नाज़िया हसन) के आगे फीके ही रहे थे।
फिल्म की असफलता से ऋषि मायूस हो गए थे और उन्हें विश्वास हो चला था कि नीतू सिंह से उनकी शादी ने उनकी प्रेमी छवि को धूमिल कर दिया। बहरहाल पिता राज कपूर, ऋषि को लेकर लोनी फ़ार्महाउस चले गए और वहां उन्होंने उन्हें समझाया कि ऐसे दौर हर कलाकार के जीवन में आते हैं और इससे सिर्फ इच्छाशक्ति से ही पार पाया जा सकता है। मज़ेदार बात ये है कि उन दिनों राज कपूर ‘प्रेम रोग’ और मनमोहन देसाई ‘नसीब’ बना रहे थे और दोनों ही फिल्में हिट हो गईं और ऋषि कपूर का आत्मविश्वास लौट आया।
दूसरी घटना का संबंध ऋषि के प्रेम का है नीतू सिंह से नही बल्कि यास्मीन मेहता नाम की एक महिला से। ऋषि कपूर को इनसे प्यार हो गया था लेकिन यास्मीन उनसे शादी को राज़ी नहीं थी। हालांकि यास्मीन ने ऋषि को एक अंगूठी ज़रुर भेंट की थी। बाद में ‘बॉबी’ की शूटिंग के दौरान ऋषि ने ये अंगूठी डिंपल को दे दी। जब राजेश खन्ना ने डिंपल को प्रपोज़ किया तो वह मना नहीं कर सकी और राजेश खन्ना ने अंगूठी समंदर में फ़ेंक दी।
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