मुंबई: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह अपने लंबे फिल्मी करियर में हर तरह के किरदारों को बखूबी पर्दे पर उतार चुके हैं। लेकिन अब उनका कहना है कि वृत्तचित्र सिनेमा में समाज में बदलाव लाने की शक्ति है। अभिनेता भारतीय वृत्तचित्र फाउंडेशन द्वारा आयोजित पैनल चर्चा में नंदिता दास, राजकुमार हिरानी और राहुल ढोलकिया जैसे मशहूर फिल्म निर्माताओं के साथ उपस्थित हुए। अपने विचार शेयर करते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा, "मुझे लगता है कि मैंने पुणे, एफटीआईआई में कुछ अच्छी वृत्तचित्रों को देखना शुरू किया। मैं समाज में बदलाव लाने के इरादे से सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने वाली कई फिल्मों का हिस्सा रहा हूं, मुझे लगता है कि मैंने इस बात को समझा कि वृत्तचित्र सिनेमा में समाज में बदलाव लाने की शक्ति है।"
उन्होंने कहा, "प्रत्येक फीचर फिल्म से पहले वे वृत्तचित्र दिखाया करते थे और ये इतने उबाऊ होते थे कि लोग इनसे बचने के लिए देरी से सिनेमाघर पहुंचते थे। उन्होंने वृत्तचित्र फिल्मों का काफी नुकसान किया। आम लोगों की धारणा यह थी कि वृत्तचित्र उबाऊ होते हैं।" उन्होंने कहा, "हालांकि, श्याम बेनेगल, मणि कौल द्वारा बनाए गए कुछ अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्रों देखे जाने के बाद मैंने इसका महत्व समझा।"
पैनल चर्चा गुड पिच इंडिया के सह-संस्थापक और अभिनेता जावेद जाफरी द्वारा आयोजित की गई थी। यह गैर-लाभकारी संस्था वृत्तचित्र निमार्ताओं का समर्थन करती हैं। उन्होंने 'फिल्म्सफॉरचेंज' नामक अभियान भी शुरू किया है। गुड पिच इंडिया ने चार सामाजिक रूप से प्रासंगिक वृत्तचित्रों 'क्लाइबिंग अपहिल', 'हर सॉन्ग', 'मिसिंगगर्ल्स' और 'राइटिंग विद फायर' का चयन किया है, जिनके निमार्ताओं को एक कार्यक्रम में कॉपोर्रेट कंपनियों, गैर सरकारी संगठनों, प्रचारकों, समाज-सेवियों से मिलाया जाएगा। यह कार्यक्रम 4 अप्रैल को नेशनल सेंटर ऑफ परफॉर्मिग आर्ट्स (एनसीपीए) में आयोजित किया जाएगा।
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