पणजी: फिल्म 'पद्मावती' की रिलीज को लेकर मचे हड़कंप और 48वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) की पेनारोमा श्रेणी से 'एस दुर्गा' और 'न्यूड' को हटाने को लेकर इफ्फी का बहिष्कार करने की मांग हो रही है। लेकिन फिल्मकार मुज्जफर अली का कहना है कि उन्हें इस विवाद की कोई जानकारी नहीं है और वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।
इन सभी विवादों पर उनका रुख पूछे जाने पर मुज्जफर अली ने आईएएनएस से कहा, "मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह एक अलग कहानी है। मुझे इस बारे में कुछ पता नहीं है।" फिल्म 'पद्मावती' पर मचे विवाद के कारण इसकी रिलीज स्थगित कर दी गई है। बावजूद इसके कुछ समूह फिल्म पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, कई फिल्मी सितारे इसकी निंदा करने के लिए आगे आए हैं।
दूसरी तरफ अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की पेनारोमा श्रेणी से फिल्म 'एस दुर्गा' और 'न्यूड' हटाने से नाराज फिल्मकार सुजॉय घोष ने इफ्फी के इंडियन पेनारोमा वर्ग की निर्णायक समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। पटकथा लेखक अपूर्व असरानी और फिल्मकार ज्ञान कोरिया ने भी इस्तीफा दे दिया है। मुजफ्फर अली क्लासिक बॉलीवुड फिल्म 'उमराव जान' के निर्देशक हैं और वर्ष 2015 में फिल्म जानिसार का निर्देशन कर चुके हैं। वह इफ्फी में अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता जूरी के प्रमुख हैं।
भले ही उन्होंने विवादों पर कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने भारतीय सिनेमा के भविष्य को लेकर अपना ²ष्टिकोण साझा किया है। फिल्मकार ने कहा, "यह निर्माताओं पर निर्भर करता है। हमें निर्माताओं की ऐसी नस्ल बनाने की जरूरत है, जो सिनेमा को उसके बड़े अवतार और उसके पवित्रतम रूप में देखते हों। इस सबसे भारतीय सिनेमा के भविष्य में काफी बदलाव आएगा।"
उन्होंने कहा, "बदलाव की जरूरत है। सिनेमा में एक प्रकार का ज्ञान होना महत्वपूर्ण है। यह प्रबल होना चाहिए।" क्या इस समय ऐसा हो रहा है? इस पर उन्होंने कहा, "ऐसा होना चाहिए..दुनिया आगे बढ़ रही है, हम अलग-थलग नहीं रह सकते।"
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