पहलाज निहलानी पड़े मुश्किल में, पद से हटाने की हुई मांग
फिल्म प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मुकेश भट्ट ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी को हटाने का आग्रह किया।
मुंबई: 'उड़ता पंजाब' को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी खुद भी मुसीबत में पड़ गए हैं। कथित तौर पर सेंसर बोर्ड ने 89 कट के सुझाव दिए हैं। जिस पर पूरा बॉलीवुड उनके खिलाफ खड़ा हो गया है। हाल ही में फिल्म प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मुकेश भट्ट ने बुधवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष पहलाज निहलानी को हटाने का आग्रह किया। उनका कहना है कि निहलानी फिल्म उद्योग को केवल नुकसान ही पहुंचा सकते हैं।
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भट्ट ने भारतीय फिल्म और टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफटीडीए) द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "यह जोड़तोड़ का खेल है। हमारे सीबीएफसी में भ्रष्ट व्यवस्था प्रचलित है, जो शर्म की बात है। यह जानने के बावजूद, अगर पहलाज निहलानी कुर्सी पर हैं तो यह उनके लिए भी और हमारे लिए भी शर्म की बात है। मैं मंत्रालय से अपील करता हूं कि उन्हें तुरंत हटा दिया जाए।"
उन्होंने कहा, "मैं भारतीय फिल्म प्रोड्यूसर्स गिल्ड के अध्यक्ष के रूप में पूरे फिल्म उद्योग की ओर से यह बात कह रहा हूं कि फिल्म उद्योग उन्हें यहां बैठे देखना नहीं चाहता। वह इसके लायक नहीं हैं।"
मकेश भट्ट ने कहा कि निहलानी ने फिल्म जगत का होने के बावजूद 'उड़ता पंजाब' के मामले को इसे देखने के नाम पर लटकाया और फिर देखने के बावजूद इस पर लिखित स्वीकृति नहीं दी। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं ने इस फिल्म में करीब 60 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो खतरे में है।
उन्होंने कहा, "इसका भुगतान कौन करेगा? क्या सरकार देगी? या सीबीएफसी? मैं पहलाज निहलानी से जवाब चाहता हूं। यह अक्षम्य है। दिन की रोशनी में, खुलेआम, एक राज्य निकाय ने हमें बंधक जैसा बना लिया है। यह भयावह है। हम अब और सहन नहीं कर सकते।"