मदर्स डे 2020: दुर्गा खोटे से निरूपा रॉय तक ये हैं बॉलीवुड की 6 'सुपरमॉम', पर्दे पर इन्हें देख लोगों का भी पसीजा दिल
बॉलीवुड में कई अभिनेत्रियों ने मां का रोल फिल्मों में इस कदर निभाया की वो सिनेमा जगत की 'सुपरमॉम' बन गईं। 10 मई को मदर्स डे है। ऐसे में एक साथ मिलकर करिए फिल्म इंडस्ट्री इन अभिनेत्रियों को सलाम।
सिनेमाजगत में बड़े पर्दे पर कई अभिनेत्रियों ने इस तरह से मां का रोल निभाया कि वो लोगों के दिलों में हमेशा के लिए बस गईं। स्क्रीन पर अगर उनकी आंख से आंसू बहे तो दर्शकों का दिल भी उन्हें देखकर पसीज गया। इसी वजह से इन अभिनेत्रियों को बॉलीवुड की 'सुपरमॉम' भी कहा गया। 'मदर्स डे' 10 मई को है। ऐसे में आज आपको फिल्म इंडस्ट्री की 6 'सुपरमॉम' से मिलवाते हैं और तहे दिल से उन्हें सलाम करते हैं।
दुर्गा खोटे
इस लिस्ट में सबसे पहले जिस मां का नाम आता है वो दुर्गा खोटे हैं। दुर्गा खोटे ने उस वक्त सिनेमाजगत में अपनी पहचान बनाई जब बॉलीवुड में अभिनेत्रियों का कोई स्थान नहीं था। ऐसे में दुर्गा खोटे ने एक से बढ़कर एक किरदार स्क्रीन पर निभाए। दुर्गा ने सिनेमाजगत में बतौर हीरोइन एंट्री ली थी और समय के साथ अपने आपको मां के रोल में इस कदर ढाला कि हर दूसरी फिल्म में वो मां के रोल में नजर आने लगीं। दुर्गा खोटे ने कई फिल्मों में मां का रोल निभाया है। इन फिल्मों में 'नमक हराम', 'गोपी', 'इंसानियत', 'कर्ज', 'दौलत के दुश्मन' और 'मुगल-ए-आजम' शामिल हैं।
निरूपा रॉय
अमिताभ बच्चन की ज्यादातर फिल्मों में अगर उनकी मां का रोल किसी ने निभाया है तो वो निरूपा रॉय ही हैं। 'अमर अकबर एंथोनी', 'दीवार', 'सुहाग' जैसी कई फिल्मों में निरूपा रॉय अमिताभ बच्चन की मां के किरदार में दिखीं। इन फिल्मों में निरूपा रॉय बच्चों को न केवल ममता की छांव देती नजर आईं बल्कि गलत रास्ते पर जाने पर उन्हें डांटा भी। इस तरह से निरूपा रॉय लोगों के दिलों में बेहतरीन मां के तौर पर राज करने लगीं।
सुलोचना लतकर
अपने जमाने की मशहूर अदाकारा सुलोचना लतकर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें तीन अभिनेताओं की बड़े पर्दे पर मां बनना बहुत अच्छा लगता है। ये तीन अभिनेता सुनील दत्त, देव आनंद और राजेश खन्ना थे। सुलोचना ने ज्यादातर फिल्मों में सुनील दत्त की मां या फिर उनकी करीबी रिश्तेदार का किरदार निभाया है। ये फिल्में हैं- 'हीरा', 'झूला', 'एक फूल चार कांटे', 'मेहरबान', 'रेशमा और शेरा', 'उमर कैद', 'मुकाबला' और 'बदले की आग'।
राखी
1995 में आई 'करण-अर्जुन' फिल्म किसे याद नहीं होगी। इस फिल्म में एक मां का अपने बच्चों पर अटूट विश्वास दिखाया गया है। पूरी फिल्म में राखी अपने दोनों बेटों की मौत के बाद भी उनके वापस आने का इंतजार करती रहीं और आखिर में उनकी जीत भी हुई। इस फिल्म में शाहरुख खान और सलमान खान ने राखी के बेटों का किरदार निभाया था। ये फिल्म सुपरहिट हुई थी।
नरगिस
सुनील दत्त की पत्नी और संजय दत्त की मां नरगिस ने भले ही कम फिल्मों में मां का रोल निभाया लेकिन वो अब 'मदर इंडिया' के तौर पर जानी जाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि 'मदर इंडिया' फिल्म में उनका मां के तौर पर संघर्ष दिखाया गया था। 'मदर इंडिया' में नरगिस के किरदार का नाम राधा था जो बहुत गरीब थी। इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक मां अपने बच्चों का पेट भरने के लिए किस हद तक गुजर जाती है।
रीमा लागू
रीमा लागू आज भले ही इस दुनिया को अलविदा कह चुकी हैं लेकिन फिल्मों में उनका निभाया मां का किरदार अमर हो चुका है। रीमा 'वास्तव', 'हम साथ साथ हैं', 'हम आपके हैं कौन', 'मैंने प्यार किया' और 'कल हो ना हो' फिल्मों में मां के रोल से जानी जाती हैं।