मदर्स डे 2020: अपनी मां के साथ बैठकर जरूर देखें ये खास फिल्में, दिन बन जाएगा
इस साल मदर्स डे को घर पर रहकर ही स्पेशल बनाएं। मां के साथ देखें ये प्यार भरी बॉलीवुड फिल्में।
मां कितनी स्पेशल होती है उन्हें यह बताने के लिए सिर्फ एक दिन मिलना ठीक बात नहीं है। मां के प्यार को शब्दों में बयां करना आसान नहीं होता है। उनके लिए तो जितना कहा जाए उतना कम होता है। इस साल मदर्स डे 10 मई को मनाया जा रहा है। इस साल लॉकडाउन की वजह से आप घर के बाहर नहीं जा सकते हैं। मगर घर में रहकर भी मां को सरप्राइज दिया जा सकता है। बॉलीवुड में मां के बेटी और बेटे दोनों के साथ खास रिश्ते को लेकर फिल्में बनी हैं। आप मदर्स डे पर मां के साथ बैठकर इन फिल्मों का लुफ्त उठा सकते हैं। तो आइए आपको कुछ बॉलीवुड फिल्मों के बारे में बताते हैं जो आप मां के साथ देख सकते हैं।
कभी खुशी कभी गम:
इस फिल्म में जया बच्चन और शाहरुख खान का रिश्ता बहुत ही खास दिखाया गया है। जब भी यह फिल्म देखो तो शाहरुख खान के घर वापिस आने और जया बच्चन के उनकी आहट महसूस करके दरवाजे पर पहले से पहुंच जाने का सीन याद आ जाता है।
पा:
अमिताभ बच्चन और विद्या बालन की 2009 में आई फिल्म पा में मां बेटे का एक अनोखा रिश्ता नजर आता है। फिल्म में सिंगर मदर विद्या अपने बेटे ऑरो को बहुत प्यार करती है। फिल्म में ऑरो को एक आनुवांशिक विकार था जो उन्हें समय से पहले उम्र का कारण बना रहा था।
नीरजा:
नीरजा एक फ्लाइट अटेंडेंट की कहानी थी। जो देश के लोगों को बचाने में अपनी जान कुर्बान कर देती है। इस फिल्म में नीरजा की मां का किरदार शबाना आजमी ने निभाया था। फिल्म में शबाना आजमी हर कदम पर अपनी बेटी का साथ देने और हौंसला बढ़ाने के लिए साथ खड़ी रहती थी।
सीक्रेट सुपरस्टार:
मां अपने बच्चों के सपने पूरे करने के लिए सब कुछ भूल जाती है। ऐसी ही एक कहानी है नजमा और इंसिया की। जो अपनी बेटी के सपने पूर करने के लिए उसै लैपटॉप खरीदकर देती है इतना ही नहीं उसे सिंगर बनाने के लिए अपने पति तक को छोड़ देती है।
जाने तू या जाने ना:
कहते हैं मां की सलाह आपकी जिंदगी को मुश्किल डगर से बाहर निकाल लाती है। वह आपकी बेस्ट फ्रेंड भी हो सकती है। जाने तू या जाने ना में रत्ना पाठक शाह ने इमरान खान की ऐसी ही मां का किरदार निभाया था। जो बेटे की दोस्त बनकर उसे हर परेशानी से बचा लेती है।
निल बटे सन्नाटा:
यह कहानी एक मां बेटी की है। मां खुद पढ़ाई पूरी नहीं कर पाई होती है तो बेटी की अच्छी पढ़ाई के लिए एक अनोखा तरीका अपनाती है। फिल्म में स्वरा भास्कर ने चंदा सहाय का किरदार निभाया है जो अपनी सुस्त बेटी को पढ़ाई के लिए प्रेरित करने के लिए उसी की क्लास में एडमिशन ले लेती है।