मुंबई: मिस इंडिया 2017 में तीसरे स्थान (दूसरी रनर-अप) पर रहीं बिहार की प्रियंका कुमारी का कहना है कि जब उन्होंने माडलिंग में अपना करियर बनाने की बात माता-पिता को बताई थी, तो वे हैरत में पड़ गए थे। प्रियंका से जब पूछा गया कि उन्होंने अपने माता-पिता को कैसे राजी किया, तो उन्होंने बताया, "बचपन में मैं टॉम ब्वॉय की तरह थी, इसलिए मेरे माता-पिता सौंदर्य प्रतियोगिता में भाग लेने की मेरी इच्छा को जानकर हैरान रह गए थे। उन्होंने सौंदर्य प्रतियोगिता में मेरे भाग लेने की उम्मीद नहीं की थी..लेकिन हां, उन्होंने इस दौरान पूरा सहयोग किया।"
मिस इंडिया प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर आने को लेकर वह बेहद खुश हैं।
उन्होंने कहा, "मैंने अपने माता-पिता को गौरवान्वित किया। 30 प्रतिभागियों में से शीर्ष तीन में शामिल होना बेहद मुश्किल है, क्योंकि सभी अपनी-अपनी जगह सभी अलग और खूबसूरत थी।"
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बॉस्केटबॉल खेलने की शौकीन प्रियंका ने बताया कि बचपन में वह टॉमब्वॉय की तरह थी, इसलिए उन्हें इस प्रतियोगिता में भाग लेने के दौरान खुद को बदलना पड़ा। वह लड़के की तरह चलती थी, लेकिन उन्होंने खुद को पूरी तरह बदला और मिस रैंप वॉक का विशेष अवार्ड जीता।
नासिक के केंद्रीय विद्यालय से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद प्रियंका ने पुणे विश्वविद्यालय से 2013 में मैकैनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली।
भविष्य की योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि वह हमेशा से फुटपाथ पर भीख मांगने वालों, खासकर बच्चों और बूढ़ों के लिए कुछ करना चाहती थी, इसलिए वह इस दिशा में काम शुरू करना चाहेंगी।
उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य भीख मांगने वाले बच्चों को स्कूल भेजना और बुजुर्गो को अच्छा जीवनस्तर देना है।
प्रियंका के मुताबिक, "अब मैं खिताब जीत चुकी हूं, तो मुझे लगता है कि मेरे पास लोगों को प्रभावित करने और इस काम में योगदान देने की अपील करने की ताकत है। मैं उम्मीद करती हूं कि मैं जल्द ही संस्था शुरू करूंगी।"
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