B'day Spl: चार दिन बासी रोटियां खाकर शूटिंग पर जाती थी महज 6 साल की मीना कुमारी
शोहरत के दरिया में प्यासी मछली की तरह तड़पती रही हुस्न और अदाकारी की मल्लिका मीना कुमारी, उनके जन्मदिन पर जानिए उनकी जिंदगी की दर्दभरी दास्तान
Birthday Special of Meena Kumari : मायानगरी में कई ऐसी अदाकाराएं हुई हैं जिन्होंने अपनी अदाकारी से लोगों का दिल जीता है लेकिन मीना कुमारी Meena Kumari वो मल्लिका-ए- हुस्न रहीं जो अपनी दर्दभरी अदाकारी के दम पर अवाम के दिलों में हमेशा राज करती रहेंगी। सैंकड़ों फिल्मों में लाजवाब अदाकारी से दिल जीतने वाली मीना कुमारी ब़ॉलीवुड की लीजेंड रहीं लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ हमेशा दुख भरी रही।
अभावग्रस्त बचपन से लेकर तन्हा जवानी तक, निकाह से लेकर तलाक तक, भरोसे से लेकर धोखे तक, मीना कुमारी ने अपनी जिंदगी में इतने गम देखे कि बड़े पर्दे पर भी उनकी अदाकारी में वो दर्द और रंजो गम देखने को मिल जाता है।
बचपन में उनके घर में इतने फाके थे कि महज चार साल की उम्र में मां बाप ने खेलने की बजाय कैमरे के आगे खड़ा कर दिया, फिर जो काम शुरू हुआ वो ताउम्र चलता रहा। चार-चार दिन पुरानी बासी रोटियां खाकर महजबीं बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट 18 -18 घंटे की लंबी शूटिंग किया करती थी।
परिवार की बेरुखी और खराब माली हालत के चलते महजबीं का रिश्ता कैमरे से जुड़ने लगा और एक वक्त इतना मजबूत हो गया कि वो घर जाने की बजाय डायरेक्टर से शूटिंग जारी रखने की इल्तिजा करती थी।
पहले छोटे मोटे रोल, फिर साइड एक्ट्रेस औऱ फिर लीड रोल, मीना कुमारी अपनी मेहनत और लगन के बलबूते शून्य से शिखर तक पहुंचीं। उन्होंने सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं अपनाया, मेहनत की, ठोकरें खाई और अंत में उनकी वही मेहनत रंग लाई जब वो मायानगरी की बेताज मल्लिका बन गईं।
मीना कुमारी के बारे में कहा जाता है कि दौलत और शौहरत के समुंदर में वो सच्ची मोहब्बत के लिए प्यासी मछली की तरह वो ताउम्र तड़पती रहीं। हुस्न और अदाकारी की इस मल्लिका ने बचपन में मां बाप और भाई बहनों के लिए कमाया और जवानी में पति की खुदगर्जी झेलीं। कई बार उन्होंने ऐसे लोगों में भी मोहब्बत खोजने की कोशिश की जिन्होंने उनकी शौहरत का फायदा उठाकर बॉलीवुड में बुलंदियों को पाया।
मीना कुमारी कमाल अमरोही के इश्क में पड़ीं और उनसे निकाह कर लिया लेकिन उनकी शादीशुदा जिंदगी भी सही नहीं रही और कमाल अमरोही से उनका तलाक हो गया।
बैजू बावरी, बहु बेगम, दिल अपना और प्रीत पराई, फूल और पत्थर, पाकीजा, दिल एक मंदिर जैसी सुपरहिट फिल्मों की बदौलत बचपन की मजहबीं उर्फ मीना कुमारी अपनी जवानी में बॉलीवुड की सुपरहिट एक्ट्रेस बन चुकी थी जिन्हें हर कोई अपनी फिल्म में अहम रोल देना चाहता था।
ट्रेजेडी क्वीन के नाम से मशहूर हो चुकी मीना कुमार तब किसी भी फिल्म की सफलता की गारंटी बन चुकी थी। लोग उनकी फिल्म में छोटा सा रोल पाने के लिए तरसते थे। उनसे जुगाड़ लगाते, चापलूसी करते और आगे पीछे फिरते। मीना कुमारी इन छोटी छोटी चीजों से खुश हो जातीं कि मतलब ही सही कम से कम कोई पास तो आ रहा है।
ट्रेजेडी क्वीन बन चुकी मीना कुमारी को एक वक्त हॉलीवुड की ट्रेजेडी क्वीन लिज टेलर (एलिजाबेथ टेलर) कहा जाने लगा था। मीना केवल अदाकारी के जरिए अपना दर्द नहीं निकालती थी, वो अपने आंसुओं की स्हायी बनाकर दर्दभरी नज्में लिखने लगीं। कहा जाता है कि गुलजार तक उनकी नज्मों के कद्रदान थे। जब वो दुनिया से रुखसत हुईं तो अपनी अनकही नज्में गुलजार के नाम कर गईं।