Independence Day 2021: मनोज कुमार ने 'शास्त्री जी' की सलाह पर बनाई थी ये देशभक्ति फिल्म, तोड़ डाले सारे रिकॉर्ड
शास्त्री जी की सलाह के बाद मनोज कुमार खुद कहानी लिखने में जुट गए और इस तरह सुपरहिट फिल्म उपकार बनी। इससे जुड़ा एक किस्सा राजकूपर जी का भी है।
इस बार 15 अगस्त यानी आजादी के दिन को हम बॉलीवुड के भारत कुमार यानी मनोज कुमार की शानदार फिल्म उपकार की सुनहरी यादें आपके साथ साझा कर रहे हैं। मनोज कुमार की बात करें तो मनोज कुमार ने लगातार देशभक्ति के जज्बे से लबरेज फिल्में बनाई कि एक वक्त उन्हें बॉलीवुड का भारत कुमार घोषित कर दिया गया था। यूं तो उन्होंने शहीद भगत सिंह, रोटी कपड़ा और मकान, शोर, क्रांति, पूरब औऱ पश्चिम जैसी फिल्में बनाई लेकिन उनकी सबसे सफल फिल्म उपकार कही जाती है।
उपकार को मनोज कुमार ने ही डायरेक्ट किया था और मनोज कुमार ही उसमें हीरो बने थे। उनके साथ थी आशा पारेख, प्राण और प्रेम चोपड़ा। इससे जुड़ा एक दिलचस्प औऱ हैरान कर देने वाला वाकया अनू कपूर ने रेडियो शो सुहाना सफर में बताया था।
ये किस्सा कुछ यूं था कि 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद मनोज कुमार किसी फिल्म के सिलसिले में उस वक्त प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी से मिले। शास्त्री जी मनोज कुमार के देशभक्ति किरदारों से काफी प्रभावित थे। शास्त्री जी ने मनोज कुमार से कहा कि उन्होंने जो नारा 'जय जवान जय किसान' देश को दिया है, उस पर एक फिल्म बनाई जानी चाहिए ताकि किसानों की देशभक्ति और मेहनत से जनता रूबरू हो सके।
जिस दिन देश आजाद हुआ, उस शाम रिलीज हुई थी ये फिल्म, इसका हिट गाना आज भी गाते हैं लोग
इस सलाह ने काम किया औऱ मनोज कुमार जुट गए कहानी लिखने में। वो सोचने लगे कि ऐसा क्या लिखा जाए कि किसान देशभक्त के रूप में दिख जाएं। काफी दिनों की मेहनत के बाद उपकार को कहानी का जामा पहनाया गया। फिल्म में मनोज कुमार खुद किसान बने औऱ आशा पारेख शहर की लड़की। प्रेम चोपड़ा मनोज कुमार के छोटे भाई बने थे जो शहर की चमक दमक में आकर अपनी मिट्टी का मोल भूल जाते हैं। फिल्म में प्राण ने भी यादगार रोल निभाया था।
उपकार की कहानी लिखने के बाद मनोज कुमार इससे इतने इंप्रेस हो गए कि उन्होंने इस फिल्म को खुद ही डायरेक्ट करने का फैसला किया। और देखा जाए तो उनका ये फैसला काफी सही रहा क्योंकि उपकार सुपरहिट रही। मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती..गाने ने तो भारत में धूम ही मचा दी।
इससे जुड़ा एक और दिलचस्प किस्सा है। हुआ यूं कि जब मनोज कुमार ने उपकार को बनाने का ऐलान किया तो खुद राजकपूर ने उन्हें एक सलाह दी। दोनों अच्छे दोस्त थे लिहाजा आपस में बनती भी खूब थी। राज कपूर ने मनोज कुमार से कहा 'या तो तुम फिल्म डायरेक्ट करो या इसके हीरो बन जाओ, क्योंकि हर कोई राजकपूर नहीं होता कि दोनों काम सफलतापूर्वक करे औऱ फिल्म भी हिट हो जाए।' लेकिन मनोज साहब तो धुन के पक्के थे, उन्होंने राज कपूर की सलाह को दरकिनार करके इस फिल्म को डायरेक्ट भी किया और इसमें एक्टिंग भी की।
फिल्म सुपरहिट होनी ही थी और हुई भी इसके बाद खुद राजकपूर ने मनोज कुमार की तारीफ करते हुए कहा था कि आज तक मैं खुद से प्रतिस्पर्धा कर रहा था, मुझे खुशी है कि आज मुकाबला करने के लिए कोई और मिला है।