नई दिल्ली: अपनी दमदार एक्टिंग के लिए मशहूर मनोज वाजपेयी का कहना है कि अगर कोई उनके काम की आलोचना करता है, तो वह उसे गंभीरता से नहीं लेता। उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी की प्रशंसा और आलोचना से खुद को प्रभावित नहीं होने देते।
एक इवेंट में उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों में लोगों द्वारा खारिज किए जाने को सहने के बारे में बताते हुए कहा, "मैं उस सपने पर भरोसा करता हूं जो आपको जीवन की बेहतरी के लिए सोने नहीं देता। मैं दूसरों के विचारों को खुद पर हावी नहीं होने देता। अगर कोई मेरे काम की प्रशंसा करता है, तो मैं उसे शुक्रिया कहता हूं और अपनी जमीन से जुड़ा रहता हूं। ऐसे ही अगर कोई मेरे काम की आलोचना करता है, तो मैं इसे बहुत अधिक गंभीरता से नहीं लेता।"
उन्होंने कहा कि आपके लिए उन भावनाओं से दूर रहना जरूरी है जो आपको हतोत्साहित करती हैं और नीचे की ओर ढकेलती है और मैं किसी को भी इन भावनाओं को मुझमें भड़काने का अधिकार नहीं देता।
'सत्या', 'शूल', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' और 'शाहिद' जैसी फिल्मों में अपने अभिनय के लिए लोकप्रिय मनोज ने कहा, "मैंने जब अपने करियर की शुरुआत की थी तो उस समय कास्टिंग निर्देशक नहीं होते थे। मैं कविता या कहानियां याद करके निर्देशकों के सामने लंच के दौरान उन पर ही अभिनय करता था। इससे मुझे निरंतर अभिनय के अभ्यास को जारी रखने और एक अभिनेता के तौर पर अपने कौशल को सुधारने में मदद मिलती थी।"
हाल में उनकी दो फिल्मों 'गली गुलियां' और 'लव सोनिया' रिलीज हुई है।
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