मुंबई: अभिनेता मनोज बाजपेयी करीब 2 दशक का समय सिनेमाजगत में बिता चुके हैं। इस दौरान उन्होंने हर तरह के किरदारों को बखूबी पर्दे पर उतारा है। अपनी फिल्मों में शानदार अभिनय के लिए वह कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किए जा चुके हैं। लेकिन मनोज बाजपेयी का मानना कि अवार्ड आपको और काम दिलाने के वादे के साथ नहीं आते लेकिन असली प्रतिभा को पहचान जरूर देते हैं। हाल ही में 10वें एशिया पैसिफिक स्क्रीन अवार्ड (एपीएसए) में मनोज को फिल्म अलीगढ़ में निभाए उनके किरदार के लिए बेस्ट परर्फोमेंस अर्वाड मिला था।
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मनोज ने कहा, “भारत में हमें ऐसे पुरस्कारों का अयोजन करना चाहिए जिसमें एशिया की फिल्मों को देखकर उन्हें सम्मानित किया जाए। पुरस्कार आपको काम नहीं दिलाते लेकिन यह वह क्षण होता है जिसमें आपकी प्रतिभा को पहचान मिलती है। यहां तक कि ऐसे मंच पर नामित होना भी पुरस्कार से कम नहीं है।“
‘अलीगढ़’ को मिले तमाम पुरस्कारों का जश्न मनाने के लिए रखी गई एक विशेष पार्टी के दौरान मनोज वाजपेयी ने यह बयान दिया। निर्देशक हंसल मेहता की इस फिल्म में मनोज ने प्रोफेसर श्रीनीवास रामचंद्र सिरस का किरदार निभाया था। यह एक समलैंगिक व्यक्ति कि कहानी है जो पूर्वाग्रहों से ग्रस्त समाज में खुद को निस्सहाय पाता है।
मनोज जल्द ही फिल्म ‘सत्या’ के निर्देशक राम गोपाल वर्मा के साथ आगामी फिल्म ‘सरकार 3’ में काम करेंगे। इस फिल्म में ये दोनों करीब 14 साल के बाद एक बार फिर साथ काम कर रहे हैं। मनोज ने कहा, “आगामी फिल्म ‘नाम शबाना’ में मेरी एक विशेष भूमिका है। इसके अलावा कई सालों बाद मैं रामू की फिल्म करने वाला हूं। मैं काफी खुश हूं कि ‘सरकार 3’ में मेरी एक विशेष भूमिका है।“
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