एक्टर और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मनोज बाजपेयी बॉलीवुड के ऐसे स्टार में से एक हैं जो किसी भी रोल में अपनी एक अलग पहचान बना लेते हैं। फिल्मों में अपने रोल से लोगों को दिल और दिमाग पर चढ़ जाने वाले मनोज की हर फिल्म अपने आप में खास और अलग है। गैंग ऑफ वासेपुर, अलीगढ़, सत्या, राजनीति या दूसरी कोई भी फिल्म को उठा ले। इन सभी फिल्मों से मनोज ने अपनी ऐसी पहचान बनाई जो आज भी लोगों के जह़न में बसी हुई है।
16 मार्च एक्टर मनोज बाजपेयी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पद्म श्री सम्मान दिया गया। मनोज बाजपेयी को राष्ट्रपति भवन में इस सम्मान से नवाजा गया। इस दौरान वहां खेल जगत के भी कई नामी लोगों को इस सम्मान से नवाजा गया। इस दौरान मनोज अपनी पत्नी शबाना बाजपेयी के साथ पहुंचे थे।
मनोज ने अपनी इस खुशी साझा करते हुए कहा, "मेरे दोस्त, रिश्तेदार और प्रशंसक इससे बहुत खुश हैं। मैंने देखा है कि अब तक किसी ने भी सोशल मीडिया पर मेरी आलोचना नहीं की है और न ही किसी ने मेरा नाम पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं में से एक के रूप में घोषित होने के बाद कोई विवाद खड़ा किया। मैं वास्तव में खुश हूं और यह अच्छी बात है कि मुझे सम्मान मिलने पर किसी ने आपत्ति नहीं जताई।" आपको बता दें कि मनोज बाजपेयी को इससे पहले दो राष्ट्रीय पुरस्कार और कई अन्य पुरस्कार मिल चुके हैं।
बीते दिनों मनोज बाजपेयी ने बॉलीवुड में होने वाले अवॉर्ड्स को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। बीते दिनों फिल्मफेयर की ओर से 2018 को लेकर नॉमिनेशन्स अनाउंस किए गए थे। लेकिन इस लिस्ट में मनोज बाजपेयी की फिल्म 'गली गुलियां' का जिक्र नहीं था।
इसी बात से नाराज मनोज ने फिल्म 'गली गुलियां' का एक पोस्टर ट्वीट किया और लिखा, "आदत सी पड़ गई है यह देखने की कि मेरी सभी फिल्में जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत प्रशंसित हैं, उन्हें तथाकथित मुख्यधारा के पुरस्कारों की नामांकन सूची तक में जगह नहीं मिलती, पुरस्कार मिलने की तो बात ही छोड़िए। रचनात्मक खोज और शोषण जारी है। गली गुलियां।
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