दो बार नेशनल अवॉर्ड विजेता, पद्मश्री से सम्मानित और हिंदी फिल्म उद्योग में 26 वर्षों के अनुभव प्राप्त कर चुके प्रशंसित अभिनेता मनोज बाजपेयी ने खुलासा किया कि उन्हें अभी भी खुद पर संदेह होता है।
मनोज ने आईएएनएस से कहा, "खुद पर संदेह हमेशा रहता है। अभिनय एक बहुत ही मुश्किल कला है। यह एक ऐसा शिल्प है जो आपको कभी भी सहज होने या अपने बारे में आश्वस्त महसूस नहीं करने देता। यह कुछ ऐसा है, जिसे आप हर रोज सीख रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "आप इसमें कुछ गलत नहीं कर सकते। यह सीखने की एक सतत प्रक्रिया है। आत्म-संदेह एक ऐसी चीज है, जिससे हर अभिनेता हर रोज गुजरता है। मैं भी बाकियों से अलग नहीं हूं।"
मनोज वर्तमान में अपने रैप नंबर 'बंबई में का बा' के लिए प्रशंसा पा रहे हैं। इस रैप में देश में प्रवासी श्रमिकों की दुविधा को उजागर किया गया है और 9 सितंबर को रिलीज होने के बाद से इसे बहुत सराहा जा रहा है।
वहीं फिल्मों की बात करें तो वह अब दिलजीत दोसांझ और फातिमा सना शेख के साथ अभिषेक शर्मा की 'सूरज पे मंगल भारी' में दिखाई देंगे।
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