मुंबई: बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन के अभिनय से सजी ‘बेगम जान’ शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो चकी है। यह फिल्म भारत के विभाजन की पृष्ठभूमि पर आधारित है। जहां एक तरफ इस फिल्म को लेकर दर्शकों के बीच उत्सुकता बढ़ती जा रही है, वहीं फिल्म को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया है। इसे लेकर फिल्म के निर्माताओं में से एक महेश भट्ट का कहना है कि उनकी यह इच्छा है कि काश पड़ोसी देश का सेंसर बोर्ड एक बार यह फिल्म देखता और फिर कोई फैसला करता।
महेश भट्ट ने कहा, "मैं अपना सामान बेचने के लिए पाकिस्तान को एक बाजार के रूप में नहीं देखता। जब उनके सेंसर बोर्ड द्वारा 'बेगम जान' नहीं देखी गई, तो मेरे कुछ करीबी सहयोगियों ने मेरा मजाक बनाया। इससे मुझे बुरा लगा। काश कि वो एक बार मेरी फिल्म देखते और फिर पाकिस्तान में इसे न दिखाने पर फैसला लेते।"
उन्होंने कहा, "मुझे सेंसर बोर्ड के किसी व्यक्ति ने कहा कि मैं सूचना, प्रसारण और राष्ट्रीय विरासत मंत्रालय से बात करूं, जो विदेशी फिल्मों के आयात की अनुमति देता हैं क्योंकि सेंसर बोर्ड तो केवल सेंसर कोड के अनुसार फिल्म देखता है। मुझे बताया गया कि फिल्म के आयात पर आपत्ति उनकी (मंत्रालय) तरफ से आई थी।"
फिल्म में विद्या बालन एक कोठे की मालकिन बनीं हैं। यह फिल्म 1947 के विभाजन के समय सेक्स वर्कर की त्रासदी का वर्णन करती है। यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान विभाजन पर आधारित भारतीय फिल्मों का आयात नहीं करता, पाकिस्तान सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) के प्रमुख मोबश्शिर हसन ने कहा, "कृपया वितरक से पूछें। वे फिल्मों का आयात करते हैं, सरकार नहीं।"
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