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माधुरी दीक्षित ने फिल्मों को क्यों कहा अपने लिए किसी घटना जैसा

माधुरी दीक्षित इन दिनों मराठी सिनेमा की ओर काफी ध्यान दे रही हैं। फिलहाल वह अपनी आगामी फिल्म 'बकेट लिस्ट' के प्रमोशन में व्यस्त चल रही हैं। इस फिल्म से वह मराठी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने जा रही हैं। माधुरी कहना है कि क्षेत्रीय फिल्म उद्योग ने सामग्री और निर्माण मूल्य के मामले में काफी विकास किया है, जिससे युवा पीढ़ी का इसकी तरफ आकर्षण बढ़ा है।

Madhuri Dixit- India TV Hindi Madhuri Dixit

मुंबई: बॉलीवुड की धक धक गर्ल माधुरी दीक्षित इन दिनों मराठी सिनेमा की ओर काफी ध्यान दे रही हैं। फिलहाल वह अपनी आगामी फिल्म 'बकेट लिस्ट' के प्रमोशन में व्यस्त चल रही हैं। इस फिल्म से वह मराठी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने जा रही हैं। माधुरी कहना है कि क्षेत्रीय फिल्म उद्योग ने सामग्री और निर्माण मूल्य के मामले में काफी विकास किया है, जिससे युवा पीढ़ी का इसकी तरफ आकर्षण बढ़ा है। फिल्म उद्योग में काम करने की चाह में मुंबई में रहने वाले अधिकांश युवा पहले मराठी सिनेमा में अपनी किस्मत आजमाने के बजाए बॉलीवुड की ओर रुख करना चाहते हैं। इस बारे में पूछे जाने पर माधुरी ने कहा, "अगर आप मराठी सिनेमा में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं तो आपको मराठी आनी चाहिए। अगर आपको नहीं आती है तो आपको हिंदी सिनेमा का ही रुख करना होगा।" उन्होंने आगे कहा, "इसके साथ ही मराठी फिल्मों के पास पहले उतना आकर्षण नहीं था जो आज है। यह आज अधिक विकसित और युवाओं के लिए अधिक आकर्षक है। तकनीकी तौर पर कहें तो इसकी प्रोडक्शन वैल्यूज हिंदी फिल्मों से कम नहीं है।"

उन्होंने कहा कि 'नटसम्राट', 'कोर्ट' और 'सैरत' जैसी फिल्में बनीं और उन्होंने परिदृश्य को बदला। माधुरी ने आगे कहा, "अनुवाद के लिए धन्यवाद, अब अधिक लोगों के पास मराठी फिल्मों तक पहुंच है और आप नहीं जानते कि भविष्य में लोगों द्वारा मराठी फिल्मों की सराहना की जाएगी।" भाषा जानने के बावजूद इतने सालों में उन्होंने मराठी फिल्म क्यों नहीं की? इसका जवाब देते हुए माधुरी ने कहा, "मेरे मामले में सबसे पहले मुझे अभिनेत्री बनने की कोई चाह नहीं थी। मैं स्कूल के ड्रामों में अपने नृत्य, अभिनय, पढ़ाई और हर चीज से खुश थी। फिल्में मेरे लिए एक घटना जैसी हैं, इसलिए मैंने अभी हिंदी फिल्मों के साथ शुरुआत की और ऐसा करना जारी रखा।" माधुरी ने 1990 में कई महिला केंद्रित फिल्में कीं, लेकिन उनके अनुसार उस शैली की परिभाषा अब बदल चुकी है।

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि लेखक हमारे पुराने दिनों की तुलना में आज महिलाओं को बेहतर समझते हैं। इसलिए वे हमारे लिए बहुत बेहतर किरदार गढ़ रहे हैं। मुझे लगता है कि महिला-केंद्रित सिनेमा की परिभाषा अब बदल गई है और यह हम सभी के लिए बहुत दिलचस्प है।" माधुरी ने अपने करियर का जिक्र करते हुए कहा, "मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे अपने करियर की शुरुआत में अलग-अलग किरदार मिले, फिर वह चाहे ‘तेजाब’ हो या ‘दिल’ और ‘बेटा’।" उन्होंने कहा, "आज के लेखन में महिला किरदारों का स्तर मानसिक तौर पर मजबूत होता है। पात्र वास्तविकता के करीब होते हैं।" माधुरी फिलहाल 'कलंक' और 'टोटल धमाल' की शूटिंग में व्यस्त हैं।

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