मधुर भंडारकर को नहीं थी ज्योतिरादित्य से ऐसी उम्मीद
भंडारकर ने कहा, "मैं हैरान हूं कि पूरी फिल्म देखे बिना ज्योतिरादित्य इस तरह की टिप्पणी कैसे कर सकते हैं? एक व्यक्ति के तौर पर मैं उनका सम्मान करता हूं, लेकिन मुझे उनसे यह अपेक्षा नहीं थी।
मुंबई: राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता बॉलीवुड फिल्मकार मधुर भंडारकर के निर्देशन बनी आगामी फिल्म 'इंदु सरकार' इन दिनों कांग्रेस की आलोचनाओं का सामना कर रही है। इसे लेकर मधुर भंडारकर का कहना है कि वह कांग्रेस प्रवक्ता ज्योतिरादित्य सिंधिया का सम्मान करते हैं, लेकिन फिल्म के बारे में उन्होंने जो टिप्पणी की है, इसकी अपेक्षा उन्हें नहीं थी। गौरतलब है कि सिंधिया ने सोमवार को कहा था, "इस फिल्म को बनाने के पीछे जिस संगठन और व्यक्ति का हाथ है, उसे हम अच्छी तरह जानते हैं। हम फिल्म में दिखाए गए झूठ की निंदा करते हैं।" (अक्षय कुमार निभाने जा रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किरदार)
भंडारकर ने कहा, "मैं हैरान हूं कि पूरी फिल्म देखे बिना ज्योतिरादित्य इस तरह की टिप्पणी कैसे कर सकते हैं? एक व्यक्ति के तौर पर मैं उनका सम्मान करता हूं, लेकिन मुझे उनसे यह अपेक्षा नहीं थी। फिल्म का सिर्फ एक ट्रेलर सामने आया है, जहां मैंने किसी भी राजनेता के नाम का जिक्र नहीं किया है।" सिंधिया ने सोमवार को कहा, "इस फिल्म को बनाने के पीछे जिस संगठन और व्यक्ति का हाथ है, उसे हम अच्छी तरह जानते हैं। हम फिल्म में दिखाए गए झूठ की निंदा करते हैं।"
फिल्म 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लगे आपातकाल की पृष्ठभूमि पर बनी है। मधुर से जब पूछा गया कि क्या यह वास्तविक चरित्र पर आधारित है क्योंकि सुप्रिया विनोद की भूमिका इंदिरा गांधी और नील नितिन मुकेश की भूमिका देखने बिल्कुल संजय गांधी सी प्रतीत होती है, तो उन्होंने कहा, "फिल्म 70 फीसदी काल्पनिक और 30 फीसदी वास्तविकता पर आधारित है। फिल्म की पृष्ठभूमि आपात काल पर है, जिसे सभी जानते हैं। दर्शकों को फिल्म की कहानी समझने के लिए फिल्म देखनी चाहिए। फिल्मकार ने कहा कि फिल्म में उन्होंने अपना राजनीतिक नजरिया नहीं दर्शाया है और इसकी कहानी आपातकाल के दौरान की मीडिया रिपोर्टों पर आधारित है।"
वहीं, दूसरी ओर हाल ही में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने कहा था कि 'इंदु सरकार' का ट्रेलर उन्होंने देखा है और इसमें इंदिरा गांधी या संजय गांधी का जिक्र नहीं है, ऐसे में फिल्म के निर्माताओं को कांग्रेस पार्टी या गांधी परिवार से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने की जरूरत नहीं है और अगर इन नेताओं के नाम का जिक्र हुआ है तो फिर वह इस मामले को देखेंगे।
भंडारकर से जब पूछा गया कि क्या निहलानी की इस टिप्पणी से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है तो उन्होंने कहा उनका अपना तर्क हो सकता है, लेकिन वह (भंडारकर) भी यही बात कर रहे हैं। फिल्म 28 जुलाई को रिलीज हो रही है।