अभिनेत्री श्रद्धा कपूर को जानवरों से बहुत लगाव है ये हम सब जानते हैं। अब एक्ट्रेस ने #LockdownZoos पहल का समर्थन करने के लिए अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की है। श्रद्धा ने अपने सोशल मीडिया पर एक पिंजरे में बंद जानवर की तरफ से एक वीडियो पोस्ट किया है। समाज स्कोप नाम के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो पोस्ट किया गया है... इस वीडियो में श्रद्धा कपूर की आवाज सुनाई दे रही है। जो एक शेर के बच्चे की आवाज में बोल रही हैं। वीडियो में चिड़ियाघर में कैद शेर और उसके बच्चों को दिखाया गया है। श्रद्धा वीडियो में कह रही हैं-
''ओ हेलो दोस्तों सुना है कि आपका घर मेरे घर जैसा हो गया है, तो आइए अपने घर से मैं आपकी पहचान कराती हूं, इस कोने में मैं खाना खाती हूं और दोपहर की झपकियां यहां। खेल कूद मौज मस्ती सब इर होता है। आज की झपकी यहां। लाइफ हो तो ऐसी। कभी कभी मां मुझे कहानियां सुनाती हैं, पुरानी कहानियां जो कहती हैं कभी सच थीं। लेकिन मुझे लगता है ऐसा नहीं होता होगा। घर बैठे मां का दिमाग ज्यादा ही चलता है। कहती हैं दूर कहीं एक नगरी है जिसका नाम है आजादी। वहां ना बेड़ियां हैं ना कोई बंदिश। सब एक समान हैं। जहां मेरे जैसे बच्चे खुले घूमते हैं। कई किस्म के दोस्त हैं सबके और खेलते भी सब एक साथ हैं। साहस भरी छलांग लगाते हैं.. शाम हुई और थक गए तो अपने परिवार को लौट जाते हैं। है ना कमाल की कहानियां। खैर मेरी जिंदगी इस कहानी से बिल्कुल अलग है। मैं तो पैदा ही इसी पिंजरे में हुई हूं, दो साल से यही मेरा घर है। मेरी मां 8 सालों से यहां कैद हैं। 8 साल में कितने दिन होते हैं और कितने घंटे और आप. आपको कितने दिन हुए। जानती हूं तकलीफ तो आपको भी हो रही होगी। मैं अपनी मां से कहूंगी कि वो आपको भी उस जादुई नगरी की कहानी सुनाए। आजादी की बात करने से शायद आजादी महसूस होने लगे। क्या ये मुमकिन नहीं... कि ये जादुई नगरी सच में हो। क्या ये मुमकिन नहीं... कि आप मुझे कभी आजादी की सैर कराएं... आजादी की सैर कराएंगे मुझे कभी। या मैं ऐसे ही यहां दिन गिनती रहूं... और दिन गिनते गिनते एक दिन मर जाऊंगी। ''
श्रद्धा कपूर ने इस बारे में ट्वीट भी किया है, जिसमें वो लिखती हैं- इस लॉकडाउन के दौरान हम में से बहुत से लोग चिंतित और पराधीन महसूस कर रहे हैं। कल्पना कीजिए की आपको अपने परिवार और घर से दूर रखा जाए तथा अपने पूरे जीवन काल के लिए जेल में बंद कर दिया जाए तो आपको कैसा महसूस होगा?
दूसरे ट्वीट में श्रद्धा ने लिखा है- जब शाज़ा ने मुझे इस कार्य का हिस्सा बनने के लिए कहा, तो मैंने तुरंत अपनी सहमति दे दी क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि मैं अपनी आवाज़ बेजुबान पशुओं को दे सकती हूं। पशु बोल नहीं सकते इसलिए हमें उनकी आवाज़ बनने की जरूरत है। मुझे पूरी उम्मीद है कि आप सभ भी ऐसा ही करेंगे |
एक अन्य ट्वीट में श्रद्धा लिखती हैं- "जब तक व्यक्ति जानवरों से प्यार नहीं करेगा, तब तक उसकी आत्मा का एक हिस्सा सुषुप्त रहेगा।"
- एनाटोल फ्रांस।
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