नई दिल्ली: अभिनेता मनोज बाजपेयी को उनके उम्दा अभिनय के लिए जाना जाता है। मनोज ने अपने फिल्मी करियर में कई ऐसी फिल्में की हैं जिसके लिए उन्हें काफी सराहना मिली। 23 अप्रैल 1969 को पश्चिमी चंपारण जिले के छोटे से गांव बेलवा में जन्मे मनोज बाजपेयी आज मनोज बाजपेयी अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं। मनोज की प्रारंभिक शिक्षा बेतिया में ही हुई बाद में मनोज बाजपेयी ने दिल्ली के रामजस कॉलेज से आगे की पढ़ाई की।
पुरस्कारों के लिए बने हैं मनोज बाजपेयी
मनोज बाजपेयी ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत 1994 में शेखर कपूर की अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फिल्म 'बैंडिट क्वीन' से की थी। पहली ही फिल्म के लिए मनोज को काफी सराहना मिली, लेकिन बॉलीवुड में मनोज को पहचान 1998 में आई राम गोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' से मिली। इस फिल्म ने मनोज को उस दौर के अभिनेताओं के समकक्ष लाकर खड़ा कर दिया था। मनोज ने फिल्म में भीखू म्हात्रे का किरदार निभाया था। इस फिल्म के लिए मनोज बाजपेयी को सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।
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इसके अलावा मनोज को इस फिल्म के लिए फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता समीक्षक पुरस्कार भी मिला था। 1999 में फिल्म 'शूल' में मनोज ने समर प्रताप सिंह का किरदार निभाया था जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला। 2003 में आई फिल्म 'पिंजर' के लिए एक बार मनोज को नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया। यह फिल्म अमृता प्रीतम के उपन्यास पिंजर पर आधारित थी।
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