kishore
किशोर कुमार ने वर्ष 1987 में फैसला किया कि वह फिल्मों से सन्यास लेने के बाद, अपने गांव खंडवा लौट जाएंगे। वह कहा करते थे, 'दूध जलेबी खाएंगे खंडवा में बस जाएंगे'। लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका। 18 अक्टूबर, 1987 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। उन्हें उनकी मातृभूमि खंडवा में ही दफनाया गया, जहां उनका मन बसता था। वह भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी खूबसूरत आवाज मधुर गीतों के रूप में आज भी लोगों के मन-मस्तिष्क में झंकृत हो रही है।
Latest Bollywood News