A
Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड मधुबाला के लिए किशोर कुमार ने अपनाया था इस्लामिक धर्म, बने थे 'करीम अब्दुल'

मधुबाला के लिए किशोर कुमार ने अपनाया था इस्लामिक धर्म, बने थे 'करीम अब्दुल'

बॉलीवुड को 'मेरे महबूब कयामत होगी', 'मेरे सामने वाली खिड़की में', 'मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू' जैसे लोकप्रिय गाने देने वाले मशहूर पार्श्र्वगायक किशोर कुमार हिंदी फिल्म-जगत के एक ऐसे धरोहर हैं, जिसे बनाने-संवारने में कुदरत को भी सदियां लग जाते हैं।

kishore

किशोर कुमार के फिल्मी करियर की शुरुआत एक अभिनेता के रूप में वर्ष 1946 में फिल्म 'शिकारी' से हुई। इस फिल्म में उनके बड़े भाई अशोक कुमार ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। उन्हें पहली बार गाने का मौका मिला 1948 में बनी फिल्म 'जिद्दी' से। इस फिल्म में उन्होंने देव आनंद के लिए गाना गाया। वह के. एल. सहगल के बहुत-बड़े प्रशंसक थे, इसलिए उन्होंने यह गीत उनकी शैली में ही गाया। किशोर कुमार की आवाज राजेश खन्ना पर बेहद जमती थी। राजेश फिल्म निर्माताओं से किशोर से ही अपने लिए गीत गंवाने की गुजारिश किया करते थे। जब किशोर कुमार नहीं रहे तो राजेश खन्ना ने कहा था कि "मेरी आवाज चली गई।"

Latest Bollywood News