'पीरियड्स' नहीं है कोई शाप, सोच बदलने की है जरुरत: करीना
करीना कूपर ने कहा, "आज का समाज ऐसा हो गया है कि लड़कियां मासिक धर्म व यौन शिक्षा को लेकर खुलकर बात करने को तैयार नहीं हैं।
लखनऊ: बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर ने शनिवार को 'माहवारी स्वच्छता अभियान' को लेकर लखनऊ में आवाज उठाई। यूनिसेफ की ब्रांड एंबेसडर करीना कपूर ने 'माहवारी स्वच्छता अभियान' के मौके पर कहा कि मासिक धर्म व यौन शिक्षा पर समाज में खुली बहस होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे लेकर यदि लखनऊ से आवाज उठाई जाए तो यहां से यह अवाज पूरे देशभर में पहुंचेगी। करीना कपूर ने यह चर्चा शनिवार को होटल ताज में पत्रकारों के साथ की।
इससे पूर्व उन्होंने लखनऊ के लॉ मार्टिनियर स्कूल में माहवारी स्वच्छता अभियान को लेकर स्कूली बच्चों से भी बातचीत की। इस मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी व कन्नौज से सांसद डिम्पल यादव भी मौजूद थीं।
करीना कूपर ने कहा, "आज का समाज ऐसा हो गया है कि लड़कियां मासिक धर्म व यौन शिक्षा को लेकर खुलकर बात करने को तैयार नहीं हैं। एक उम्र के बाद यह हर लड़की के साथ होता है और वह फिर इसके साथ जुड़ती है। इसलिए उन्हें इस पर खुलकर बहस और चर्चा करनी चाहिए। पर्दे के पीछे या चुपचाप रहने से समस्या का समाधान नहीं होगा।
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बॉलीवुड अभिनेत्री ने कहा कि यूनिसेफ इस काम को मजबूती से उठा रहा है और वह इसकी एंबेसडर होने के नाते माहवारी स्वच्छता को लेकर देशभर में आवाज उठाएंगी। अभी तक इसे लेकर जो प्रयास हुए हैं, उसका लाभ मिला है और यदि हम सब साथ मिलकर काम करें तो इसका फायदा आगे भी देखने को मिलेगा।
करीना ने कहा, "मैं सरकार से भी अपील करती हूं कि स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था करवाएं क्योंकि सभी को लड़कियों की निजता का ख्याल रखना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि माहवारी स्वच्छता को लेकर लड़कियों को अपने अभिभावकों से भी खुलकर बात करनी चाहिए ताकि उन्हें भी इस बात की समझ आए कि माहवारी कोई श्राप नहीं है बल्कि यह ईश्वर का दिया हुआ वरान है। इसे लेकर मन में कोई शंका नहीं रहनी चाहिए।
करीना ने लड़कियों के साथ ही लड़कों को भी उनकी माहवारी को लेकर अपनी सोच बदलने की सलाह दी और कहा कि जब तक लड़कों की सोच नहीं बदलेगी, तब तक सही मायने में इससे जुड़ी समस्याओं को दूर नहीं किया जा सकता।