संगीतकार जावेद अख्तर ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक हस्तक्षेप याचिका दायर कर दावा किया कि बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपने पासपोर्ट के तेजी से नवीकरण के अनुरोध वाली याचिका में अदालत से कुछ तथ्य छिपाए हैं। उन्होंने ने अभिनेत्री द्वारा दायर याचिका में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है जिन्होंने एक लेखक के कॉपीराइट के कथित तौर पर उल्लंघन के लिए अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी है।
पिछले महीने, कंगना रनौत ने भी एक अंतरिम याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि क्षेत्रीय पासपोर्ट प्राधिकरण को उनका पासपोर्ट नवीकरण करने का निर्देश दिया जाए जो उन्हें एक फिल्म की शूट के लिए बुडापेस्ट, हंगरी तक जाने के लिए जरूरी है।
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इस याचिका पर 28 जून को सुनवाई के दौरान, पासपोर्ट प्राधिकरण की तरफ से अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया था कि कंगना की याचिका अस्पष्ट है और इसमें यह साफ नहीं है कि उनके खिलाफ कौन सी आपराधिक कार्यवाही लंबित है। उनके वकील रिजवान सिद्दीकी ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे की पीठ को बताया कि अभिनेत्री के खिलाफ केवल दो प्राथमिकी दर्ज थी लेकिन इन प्राथमिकियों में अभिनेत्री के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं हुई है।
वकील ने बताया कि बांद्रा पुलिस ने अपने ट्वीट के जरिए धार्मिक शत्रुता को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल अक्टूबर में पहली प्राथमिकी दर्ज की थी। दूसरी प्राथमिकी इस साल मार्च में पुस्तक ‘दिद्दा : वॉरियर क्वीन ऑफ कश्मीर’ के लेखक की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी जिन्होंने आरोप लगाया था कि कंगना ने उनकी इजाजत के बिना किताब के विषय पर फिल्म की घोषणा की थी।
अपनी हस्तक्षेप याचिका में, जावेद अख्तर ने कहा कि उन्होंने अभिनेत्री द्वारा एक टीवी साक्षात्कार में उनके खिलाफ टिप्पणी करने पर नवंबर 2020 में कंगना के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी और इस मामले में आपराधिक कार्यवाही लंबित है। उन्होंने कहा कि रनौत अदालत के समक्ष इसका खुलासा करने में विफल रहीं ।
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