कंगना रनौत बहन रंगोली के साथ पहुंचीं बांद्रा पुलिस स्टेशन, कहा- मैं देश के लिए खड़ी थी, अब देश मेरा साथ दे
कंगना रनौत ने पुलिस स्टेशन जाने से पहले एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें उन्होंने कई सवाल उठाए हैं।
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत देशद्रोह के मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए मुंबई के बांद्रा पुलिस थाने पहुंची हैं। उनके साथ उनकी बहन रंगोली भी मौजूद है। पुलिस थाने जाने से पहले कंगना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो भी शेयर किया था। उन्होंने ट्वीट किया कि उन्हें मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित क्यों किया जा रहा है?
उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए कथित रूप से घृणा और सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाते हुए कंगना और रंगोली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस पर बांद्रा की मजिस्ट्रेट अदालत ने पुलिस को मामला दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया था।
कंगना रनौत ने शेयर किया जीवन का मंत्र- जो फिट है वो हिट है
कंगना रनौत ने वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा- 'जब से मैंने देश के हित में बात की है, जिस तरह से मुझ पर अत्याचार किए जा रहे हैं, मेरा शोषण किया जा रहा है, वो सारा देश देख रहा है। गैर कानूनी तरीके से मेरा घर तोड़ दिया गया, किसानों के हित में बात करने के लिए हर दिन मुझ पर ना जाने कितने केस किए जा रहे हैं। यहां तक कि मुझ पर हंसने के लिए भी एक केस हुआ है।'
एक्ट्रेस आगे कहती हैं- 'मेरी बहन, जिन्होंने कोरोना काल की शुरुआत में, डॉक्टरों पर हुए अत्याचार उठाई थी, उन पर भी केस हुआ। उस केस में मेरा नाम भी डाल दिया गया, जबकि उस वक्त मैं ट्विटर पर थी भी नहीं। ऐसा होता नहीं है, लेकिन ऐसा किया गया। हमारे जस्टिस ने इसे खारिज भी कर दिया। उन्होंने कहा कि इस केस का कोई तुक नहीं है। उसके साथ में ये ऑर्डर आया कि मुझे पुलिस स्टेशन पर जाकर हाजिरी लगानी पड़ेगी। मुझे कोई बता नहीं रहा है कि ये किस तरह की हाजिरी है।'
ट्विटर पोस्ट मामले पर कंगना रनौत और रंगोली पर FIR दर्ज न होने पर अदालत ने दिया ये आदेश
कंगना आगे कह रही हैं- 'मुझे ये भी कहा गया है कि मैं अपने साथ हो रहे इन अत्याचारों के बारे में किसी से बात नहीं कर सकती हूं। किसी को बोल नहीं सकती, बता नहीं सकती। मैं सुप्रीम कोर्ट से पूछना चाहती हूं कि क्या ये वो दौर है, जहां औरतों को जिंदा जलाया जाता है, जहां वो किसी से कुछ बोल भी नहीं सकती हैं। इस तरह के अत्याचार सारी दुनिया के सामने हो रहे हैं। मैं लोगों से यही कहना चाह रही हूं कि जो लोग आज ये तमाशा देख रहे हैं, उनसे यही कहना चाह रही हूं कि जिस तरह के खून के आंसू हजारों साल की गुलामी में सहे हैं, वो फिर से सहने पड़ेंगे। अगर राष्ट्रवादी आवाजों को चुप करा दिया गया।'