नई दिल्ली: फसलों और खेती के दौरान खेले जाने वाले खेल 'जलीकट्टू' को साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने बैन कर दिया था। अब अभिनेता कमल हासन ने तमिलनाडु के इस परंपरागत खेल का समर्थन किया है। इस खेल को प्रिवेंशन ऑफ क्रूअलटी टू ऐनिमल ऐक्ट के तहत बैन किया गया था। उन्होंने सोमवार को कहा अगर किसी को ऐसा लगता है कि यह जानवरों के प्रति क्रूरता है तो उन्हें बिरयानी खाना खाना छोड़ देना चाहिए।
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इस मामले पर चल रही बहस में कूदते हुए कमल हासन ने कहा, "अगर आप जलीकट्टू पर बैन लगाना चाहते हैं तो बिरयानी को भी प्रतिबंध करना होगा। मैं इस खेल का हिस्सा रह चुका हूं। मैं जलीकट्टू का दीवाना हूं। मैं सितारों में से जो कह सकते हैं कि उन्होंने सांड को गले लगाया है। यह तमिलनाडु के परंपरागत संस्कृति का एक हिस्सा है।"
वह पहले भी इस खेल पर लगाए प्रतिबंध का विरोध कर चुके हैं। जलीकट्टू को स्पेन की बुल-फाइटिंग खेल का समान बताया गया था, लेकिन कमल हासन ने इस बात को गलत ठहराते हुए कहा था कि उस लड़ाई में बैलों का जान चली जाती है, लेकिन तमिलनाडु में बैल को भगवान का दर्जा दिया गया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जलकट्टू पर बैन के खिलाफ दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को नवंबर 2016 में खारिज कर दिया था।
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